अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आयोग ने सवाल उठाए
देहरादून। पिछले दिनों राजधानी के राजकीय महिला चिकित्सालय के शौचालय में नवजात का शव मिलने संबंधी घटना के बाद अब बाल आयोग इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, अब तक की घटनाओं में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाए हैं।
बुधवार को बाल आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी की ओर से मुख्य सचिव को जारी एडवायजरी में प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के शौचालयों में नजवात शिशुओं के मिलने की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने देहरादून के राजकीय महिला चिकित्सालय में मृत व श्रीनगर के राजकीय अस्पताल में जिंदा शिशु के मिलने की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं सामान्य हो गई हैं। शासन-प्रशासन इनसे सबक नहीं ले रहा है। अधिकारी मामले की जांच के आदेश देने तक ही सीमित हैं। यही कारण है कि इन घटनाओं में लगाम नहीं लग पा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक की घटनाओं में एक बार भी दोषी अस्पतालकर्मियों को दंडित नहीं किया गया है।



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