नयी दिल्ली: आज यानी एक अक्टूबर 2017 से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही शुरू हो रही है. इसी के साथ ही बैंकिंग मोबाइल कॉल रेट आदि से जुड़ी 5 कामों के नियम बदल जाएंगे. इन नियमों में बदलाव का सीधा असर आपकी जिंदगी से जुड़ा है. हालांकि इस बार लागू होने वाले इन 5 नियमों से आपको फायदा हो सकता है. आइए जानते हैं कि एक अक्टूबर 2017 से कौन सी वह 5 नियम बदलने वाले हैं, जिनसे आपकी जिंदगी बदल सकती है.
1. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के पांच पूर्व सहयोगी बैंक एवं भारतीय महिला बैंक के चेक 30 सितंबर 2017 के बाद मान्य नहीं होंगे. कुछ दिन पहले एसबीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए ग्राहकों से नई चेक बुक के लिए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम या फिर शाखा में जाकर आवेदन करने का आग्रह किया था. सहायक बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रवणकोर और भारतीय महिला बैंक शामिल हैं.
2. 1 अक्टूबर से कॉल रेट घट सकती है. दरअसल, ट्राई ने 1 अक्टूबर से इंटरकनेक्शन चार्जेस (आईयूसी) घटाने की घोषणा की है. इसे 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया है. शुल्क कम होने से कॉल रेट घटना तय है.
3. एसबीआई ने बचत खातों में न्यूनतम औसत मासिक शेष (एमएबी) को 5,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दिया है. यह नया नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा. वहीं शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस की शर्त क्रमश: 3,000 रुपए, 2,000 रुपए और 1,000 रुपए पर बरकरार रहेगी.
4. एक अक्टूबर से दुकानदार पुराने खुदरा मूल्य यानी एमआरपी पर सामान नहीं बेच सकेंगे. 30 सितंबर को सरकार की ओर से दी गई पुराने सामान बेचने की समय सीमा समाप्त हो रही है. अगर कोई पुरानी एमआरपी पर सामान बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
5. 1 अक्टूबर से राष्ट्रीय राजमार्गों की सभी लेनों में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) प्रणाली लागू हो गई है. इसके लिए जरूरी फास्टैग अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. एनएचएआई ने माई फास्टैग और फास्टैग पार्टनर नामक दो मोबाइल ऐप भी लॉन्च किए हैं.
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