मसूरी, मसूरी आज तक ब्यूरो। आखिरकार छावनी परिषद् ने आज मंगलवार सुबह 10 बजे बड़ी कार्यवाही करते हुए पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के करीबी मित्र संजय नारंग के छावनी क्षेत्र स्थित डहेलिया बैंक आवास के ध्वस्तीकरण की कार्यवाई भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शुरू कर दी है। ध्वस्तीकरण को लेकर छावनी क्षेत्र सहित पूरे शहर में काफी सरगर्मियां देखी गयी। वहीं डहेलिया बैंक को ध्वस्त करने के लिए कैँट बोर्ड ने देहरादून की एक कन्सट्रकशन कंपनी को ठेका दिया है, जिसमें एक सिविल इंजिनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर, दो ऑपरेटर, फायर फाइटर, एक जेसीबी और एंबुलैंस सहित तीस मजदूर शामिल है, जो कि पूरे आवास को ध्वस्त करेंगे।
डहेलिया बैंक स्थित संजय नारंग के अवैध निर्मित भवन को ध्वस्त करती जेसीबी |
मंगलवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छावनी परिषद् के सीईओ जाकिर हुसैन के नेतृत्व में अन्य संबधित विभागों की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ सुबह 10 बजे डहेलिया बैंक पहुंची। नायब तहसीलदार दयाराम ने वहां मौजूद स्टाफ को ध्वस्तीकरण की कार्यवाई को अमल में लाने के लिए मेन गेट को खोलने के लिए कहा, लेकिन वहां तैनात सुरक्षा गार्डों ने काफी देर तक गेट नहीं खोला, जिसके बाद गेट खोलने को लेकर मीडियाकर्मियों के साथ भी काफी देर तक धक्का मुक्की होती रही, जिसके बाद करीब 11 बजे एसडीएम मसूरी मिनाक्षी पटवाल, सीईओ जाकीर हुसैन और प्रभारी निरिक्षक राजीव रौथाण ने सख्ती दिखाते हुए गेट खुलवाया, जिसके बाद डहेलिया बैंक के अंदर जाते ही वहां कार्य कर रहे मजदूरों और स्टाफ को बाहर निकालकर पूरे आवास की संघन चैकिंग की गई, उसके बाद दोपहर साढे बारह बजे जेसीबी से ध्वस्तीकरण की कार्यवाई शुरू की गयी। इस दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था।
ध्वस्तीकरण के दौरान मौजूद रही भारी सुरक्षा व्यवस्था |
वहीँ डहेलिया बैंक में हुए अवैध निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के बाद छावनी क्षेत्र में हुए अन्य अवैध निर्माण करने वालों पर छावनी परिषद् कब कार्यवाही करेगी यह तो भविष्य के गर्त में है, लेकिन आज की कार्यवाही से छावनी क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वालों के भी होश उड़े हुए दिखाई पड रहे हैं। बता दें छावनी परिषद की बोर्ड बैठक के दौरान मेजर जनरल जे एस यादव ने कहा था कि छावनी क्षेत्र में किये गये अन्य अवैध निर्माण कार्यों पर भी शीघ्र ही छावनी परिषद् द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्यवाई की शीघ्र की जायेगी।
गौरतलब है कि संजय नारंग ने साल 2008 में आरएल दुग्गल से डहेलिया बैंक की संपत्ति को खरीदा था, जोकि कैंट बोर्ड के क्षेत्रान्तर्गत आती है, लेकिन इसकी अनुमति केंद्र सरकार से नहीं ली गयी, जिसके बाद कैंट बोर्ड ने इसका दाखिल खारिज नहीं किया। नारंग ने 2009 में कैंट बोर्ड से भवन की मरम्मत और अन्य निर्माण की अनुमति मांगी, लेकिन कैंट बोर्ड ने तब केवल पौंड़ और टेनिस कोर्ट की अनुमति दी थी। जिसके विपरीत संजय नारंग ने वहां पर भारी अवैध निर्माण कर दिया, जो कैंट बोर्ड के मानकों के विपरीत था।
कैंट बोर्ड के नियमानुसार 50 मीटर की परिधि तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य प्रतिबंधित है, लेकिन संजय नारंग ने कैंट बोर्ड के नियमों का उलंघन कर वहां पर भारी अवैध निर्माण कर दिया, जिसके बाद कैंट बोर्ड ने डहेलिया बैंक के कई चालान भी किये और बाद में उक्त मामले में सिविल वाद दायर किया, जिसके बाद कोर्ट ने 2014 में डहेलिया बैंक को तोड़ने के आदेश दिये थे।
गौरतलब है कि बीते 5 सितंबर को नैनिताल हाईकोर्ट ने डहेलिया बैंक के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किये, जिसके खिलाफ संजय नारंग ने सुप्रीम में विशेष याचिका दाखिल की, लेकिन अठारह सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर, नारंग को बारह दिन का समय देते हुए पौंड और टेनिस कोर्ट को छोड़ृकर अन्य हिस्से के ध्वस्तीकरण के आदेश छावनी परिषद् को दिये थे।
इस सम्बन्ध में छावनी परिषद् के सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए डहेलिया बैंक के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही मंगलवार को शुरू की जा चुकी है, जिसके तहत आवास के पौंड और टेनिस कोर्ट को छोड़कर अन्य अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त किया जायेगा, जिसमें तीन भवन और गार्डन शामिल है। उक्त् कार्यवाही सांय छ: बजे तक चलेगी और बुधवार को सुबह 10 बजे से फिर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की जायेगी।
एसडीएम मिनाक्षी पटवाल ने बताया कि पूरी कार्यवाही के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन की ओर से पूरे बंदोबस्त किये गये हैं। प्रभारी निरीक्षण राजीव रौथाण ने कहा कि कैँट बोर्ड के लिए पर्याप्त फोर्स मांगा गया था, जिसके तहत दो उप-निरीक्षक, कोतवाली मसूरी की फोर्स, पीएसी के चालीस महिला और पुरूष जवान तैनात किये गये हैं। वहीं विशेष सुरक्षा के लिए सेना के जवान भी पहुंचे हुए हैं।
मौके पर सब एरिया हेडक्वाटर उतराखंड कर्नल एमएम उनियाल, लीगल सेल लखनउ के कर्नल सुबोध, आईटीएम के वर्क अफसर अशोक बाबू, कैँट बोर्ड उपाध्यक्ष महेश चंद्र सहित कैँट बोर्ड के कर्मचारी मौजूद रहे।
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