देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि डबल इंजन की जीरो टेलरेंश का नारा देने वाली झूठी सरकार स्टिंग मामले में धरे गये पेयजल निगम के एमडी को क्यों बचा रही है तथा कहीं इस मामले में ब्लैकमेलिंग करने वालों से सरकार की संलिप्तता तो नहीं है। इसका सीधा-सीधा मतलब है कि सरकार किसी पशोपेश में है।
पत्रकार वार्ता के दौरान रघुनाथ सिंह नेगी। |
यहा ईसी रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि माह अगस्त 2017 में हुए स्टिंग प्रकरण को तीन माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर नतीजा शून्य है। मोर्चा द्वारा स्टिंग आपरेशन से सम्बन्धित दस्तावेजों की जानकारी हेतु मुख्यमन्त्री कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था लेकिन कार्यालय द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि स्टिंग पत्रावली अभिरक्षा में नहीं है तथा सम्भवतः पेयजल विभाग अथवा न्याय विभाग के पास हो सकती है/प्रतीत होती है। उक्त के पश्चात् मोर्चा द्वारा पेयजल निगम व पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन से दस्तावेजों की मांग की गयी, लेकिन उनके द्वारा भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि पत्रावली उपलब्ध नहीं है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इतने बडे़ भष्टाचार से सम्बन्धित फाईल आखिर किसके इशारे पर रसातल में पहुॅंचा दी गयी और सरकार इन दस्तावेजों को उपलब्ध कराने में क्यों आनाकानी कर रही है।
नेगी ने कहा कि महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि मुख्यमन्त्री कार्यालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग को ही जब स्टिंग प्रकरण से सम्बन्धित पत्रावली कहाॅं है, मालूम नहीं है तो जाॅंच की कल्पना करना समझ से परे है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार शराब, खनन तथा अन्य कार्यों जिसमें व्यक्तिगत स्वार्थ या मोटी कमाई होनी है उन पत्रावलियों पर एक ही दिन में निर्णय ले रही है, लेकिन अपने भ्रष्टाचार के मामले में साॅप सूॅंघ जाता है। जन संघर्ष मोर्चा ने सरकार को आगाह किया कि अगर शीघ्र ही स्टिंग प्रकरण व ब्लैकमेलरों की किसी निष्पक्ष एजेन्सी से जाॅंच नहीं करायी गयी तो मोर्चा सरकार के खिलाफ आन्दोलन करेगा। अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जायेगा।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, बागेश पुरोहित, प्रभाकर जोशी, समीर दत्ता आदि शामिल रहे।
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