देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज सचिवालय में चार धाम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यदायी विभाग तथा प्रशासन के बीच अनावश्यक पत्राचार न करें। उन्होने कार्य व जनहित में सीधे संवाद करने के निर्देश देते हुए कहा कि अनावश्यक रूप से पत्रावलियों को रोकने से जहां एक ओर कार्यों में विलम्ब होता है वहीं दूसरी ओर कार्यदायी संस्थाओं को कार्य को समय पर पूरा करने पर परेशानी आती है।
चारधाम प्रोजेक्ट की सड़कों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते मुख्य सचिव। |
उन्होने कहा कि चारधाम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जनपदों की मांग के अनुसार फन्ड समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। जनपद चम्पावत के कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य जनपद भी परियोजना में महत्ता को देखते हुए प्राथमिकता से कार्य करें।
चारधाम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पैकेज 1 से 7 में कुल 522 कि0मी0 सड़क निर्माण में 43 हजार वृक्षों का कटान किया जाना है जिसमें से अब तक 285 कि0मी0 की दूरी के 23 हजार से अधिक वृक्षों का कटान हो चुका है। बैठक में बताया गया कि जनपदों से प्राप्त सूचना के अनुसार सक्षम भूअधिप्राप्ति अधिकारी को उपलब्ध प्रतिकर बांटने की धनराशि समाप्त हो गई है। मुख्य सचिव ने इस सम्बंध में सक्षम अधिकारी को निर्देश दिए कि भारत सरकार परिवहन मंत्रालय से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव भेजे जाए। सक्षम भूअधिप्राप्ति अधिकारी द्वारा अब तक उपलब्ध 184 करोड़ रूपये की धनराशि के सापेक्ष 165 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। मुख्य सचिव ने चमोली जनपद में जोशीमठ बाईपास रोड के निर्माण में आ रही परेशानी के समाधान के लिए शासन स्तर से राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी को स्वयं जनपद में जाकर समस्याओं के निस्तारण करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश सहित लोक निर्माण विभाग, बीआरओ, वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय सभागार में महात्मा गांधी नरेगा के अन्तर्गत केन्द्राभिसरण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी कार्यदायी विभाग योजना के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि का समय पर समुचित उपयोग करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि विगत वर्षों के अनुभव के आधार पर जो कमी सामने आ रही है उनका प्राथमिकता से निराकरण करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि शासन एवं विभागाध्यक्ष स्तर की प्राथमिकताओं का जनपद स्तर पर जानकारी न होने के कारण योजना के संचालन में कमी आ रही है। उन्होने सभी स्तर से इन्हें दूर करने के निर्देश देते हुए कहा कि नरेगा के अन्तर्गत और अधिक सफलता के लिए एक दीर्घकालीन नियोजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन विभागों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है, उन्हें पुरस्कृत करने के साथ ही उनके द्वारा मांग किये जाने पर उनके आवश्यकता के अनुसार और अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाय, ताकि धनराशि के अभाव में कार्यों में किसी प्रकार की कमी न रहे।
चाय विकास बोर्ड द्वारा नरेगा योेजना में किये गये अच्छे कार्यों की जानकारी पर मुख्य सचिव ने कहा कि बोर्ड को और नये चाय बागान तथा नर्सरी विकसित करने के साथ ही टी-टूरिज्म को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि सचिव स्तर पर नियमित रूप से योजनाओं का अनुश्रवण किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, मनीषा पंवार, सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम,अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डी.सैंथिल पाण्डियन, अपर सचिव डाॅ0 रंत सिन्हा, मेहरबान सिंह बिष्ट, युगल किशोर पन्त सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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