गोल खातों ने भूमिधरों की उड़ाई नींद, मुआवजा वितरण में प्रशासन को आ रही दिक्कतें
रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल आॅल वेदर रोड का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। एक ओर जहां रोड के एलाइमेंट पर शहरी क्षेत्रों में विवाद की स्थिति पैदा हो रही है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गोल खातों ने भूमिधरों की नींद उड़ा दी है। इन सब विवादों के कारण आॅल वेदर रोड का मुआवजा वितरण में एक ओर जहां प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं गांवों में आपसी विवादों के बढ़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल आॅल वेदर रोड का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। एक ओर जहां रोड के एलाइमेंट पर शहरी क्षेत्रों में विवाद की स्थिति पैदा हो रही है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गोल खातों ने भूमिधरों की नींद उड़ा दी है। इन सब विवादों के कारण आॅल वेदर रोड का मुआवजा वितरण में एक ओर जहां प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं गांवों में आपसी विवादों के बढ़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
जनपद में केदारनाथ के लिए रोड बननी है, जिसके एलाइमेंट को लेकर कई जगहों पर विवाद की स्थिति बनी हुई है। आॅल वेदर रोड से जनपद के कई बाजार खत्म होने के कगार पर हैं। कुछ तो बाईपास बनने से खत्म हो जायेंगे और कुछ रोड़ के चैड़ीकरण होने से। कई जगहों पर व्यापारियों, भवन स्वामियों एवं भू स्वामियों ने आंदोलन छेड़ने की कोशिश की, मगर आपस में एकजुट न होने से यह आन्दोलन परवान नहीं चढ़ पाया। फलस्वरूप हर बाजार के वाशिंदों ने अपनी समस्या जिला प्रशासन तक पहुंचाकर चुप्पी साध ली, लेकिन अब जब मुआवजा वितरण की बारी आई तो एक बार फिर विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। प्रशासन ने मुआवजा वितरण में भू स्वामी के साथ ही उस खाते में दर्ज सभी नामों को अंश वितरण के नोटिस थमाने प्रारम्भ कर दिए है, जिससे भू स्वामी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
दरअसल, पहाड़ में भूमि के खातों में कई हिस्सेदार हैं। जिसे पहाड़ में गोल खाता नाम दिया गया है। इसमें किस खातेदार के पास कौन सा हिस्सा है, इसकी स्पष्टता नहीं है। यह भौतिक सत्यापन से ही मुमकिन हो सकता है अथवा रजिस्ट्री आदि से, लेकिन प्रशासन ने सभी हिस्सेदारों को नोटिस देकर उनसे बैंक खाता एवं आधार कार्ड इत्यादि कागजात जमा करने को कहा है। जबकि इनमें से कई उस भूमि का पहले ही उस व्यक्ति से पैंसा ले चुके हैं। ऐसे में उनको अंश देना अंतिम खातेदार के साथ अन्याय है। आॅल वेदर रोड मुआवजा संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल ने इसे भूमिधरों के साथ धोखा माना है। आॅल वेदर रोड के मुआवजे को लेकर प्रशासन एक राय नहीं है। लोनिवि एनएच डिवीजन कुछ कहता है तो प्रशासन कुछ और। इससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है। और अब जिनका भूमि से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है उन्हें भी इसमें हिस्सा मिलने से भूमिधर अपने को ठगा महसूस कर रहे है। प्रशासन का यह कार्य भाई को भाई से लड़ाकर अपना काम निकालना लग रहा है। उनका कहना है कि पूर्व में पहाड़ो ंमें बनने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मुआवजा वितरण में कोई विवाद नहीं हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि आॅल वेदर रोड में भी उसी प्रकार से मुआवजा वितरण किया जाय। अन्यथा मुआवजा वितरण से ग्रामीणो ंमें आपसी विवाद की स्थिति पैदा हो जायेगी।



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