देहरादून। राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी हैं। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेशवासियों के नाम जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने राज्य निर्माण के सभी ज्ञात-अज्ञात, अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए राज्य स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। 
फाइल फोटो- राज्यपाल डॉ केके पॉल
राज्यपाल ने कहा कि 17 वर्ष की विकास यात्रा में उत्तराखंड ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। बार-बार प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद सभी उउत्तराखंड वासियों की दृढ़ संकल्प शक्ति से राज्य ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। आज उŸाराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो चुका है। इन वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, तो बहुत सी चुनौतियां भी हैं। सच्चे मायनों में विकास के लिए आर्थिक प्रगति व सामाजिक प्रगति का लाभ दूरदराज के गांवों में रहने वाले साधनहीन लोगों तक पहुंचाना होगा। शहर-गांव, उद्योग-खेती के बीच के गैप को दूर करना होगा। इस दिशा में सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण पहलें की हैं। पहाड़ के गाॅवों को आर्थिक दृष्टि से उन्नत बनाने के लिए हम सभी के समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि ‘‘नए प्रगतिशील भारत में उत्तराखंड बढ़-चढ़कर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि वर्ष 2019 तक पूर्ण साक्षरता, वर्ष 2022 तक सबको आवास व किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य पूरा करने में उŸाराखण्ड अग्रणी राज्यों में रहेगा।’’

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में मजबूत आधारभूत संरचना के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से बहुत महत्वपूर्ण पहलें की गई है। हमारे लिए खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चारधाम आॅल वेदर रोड़ का शिलान्यास करने के बाद से काम में तेज़ी आयी है व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर काम प्रारम्भ होने जा रहा है। चार धाम रेल सम्पर्क योजना से न केवल उत्तराखंडवासियों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी बल्कि पर्यटन में भी क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। महामहिम राष्ट्रपति जी व प्रधानमंत्री जी के श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम आगमन से दुनिया में सुरक्षित उत्तराखंड का सकारात्मक संदेश गया और राज्य सरकार के साथ ही चारधाम यात्रा से जुडे़ अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ा। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु चार धाम व श्री हेमकुण्ड साहिब यात्रा पर आए।

 राज्यपाल ने कहा कि  युवाओं के कौशल विकास के लिए राज्य में अलग से रोजगार सृजन एवं कौशल विकास विभाग का गठन किया गया है। युवाओं को उद्यम हेतु प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए राज्य की स्टार्ट-अप पाॅलिसी लाई गई है। परंतु ग्रामीण युवाओं व महिलाओं के कौशल विकास के लिए और अधिक प्रयास की ज़रूरत है, विशेषकर पहाड़ी जिलों में। राज्यपाल ने राज्य के युवाओं से राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन, डिजीटल इंडिया, स्किल डेवलेपमेंट, स्टार्ट अप व मेक इन इंडिया कार्यक्रमों से जुड़कर देश के विकास में अपने सामथ्र्य व प्रतिभा का उपयोग करने का आह्वान किया। डिजीटल उŸाराखण्ड के तहत ई-गर्वनेंस के लिए देवभूमि जनसेवा व ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में है। हमें इस पहचान को बनाए रखना है। महत्वाकांक्षी नमामि गंगे अभियान की सफलता उŸाराखण्ड की सक्रिय भूमिका के बिना सोची भी नहीं जा सकती है। राज्य में स्वच्छता अभियान की पहल को भारत सरकार द्वारा बेस्ट प्रेक्टीसेज का दर्जा दिया गया है। ‘‘राज्य सरकार ने मार्च 2018 तक सभी नगर क्षेत्रों को भी ओ.डी.एफ. बनाने का लक्ष्य रखा है। हम सभी को सभ्य नागरिक की जिम्मेवारी को समझते हुए इसमें भागीदारी निभानी होगी।’’ 

राज्य में बड़ी चुनौती, दुर्गम व दूर-दराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्वतीय खेती पर फोकस करना होगा। राज्य सरकार गम्भीरता से इस दिशा में काम कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण विकास व पलायन आयोग का गठन करते हुए इसका मुख्यालय पौड़ी में स्थापित किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कृषि व बागवानी को आजीविका से जोड़ना होगा। क्वालिटी एजुकेशन से सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। शिक्षण संस्थानों को क्वालिटी एजुकेशन व स्पोर्ट्स के सेंटर बनाने के लिए हमें विशेष प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि  प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व सम्मानित जीवन जीने का अधिकार होता है। इन्हीं अधिकारों के सपनों को लेकर अलग उŸाराखण्ड राज्य के लिए संघर्ष किया गया था। अगर हम सभी ईमानदारी से कोशिश करें तो अवश्य ही एक ऐसा उŸाराखण्ड बनाने में सफल होंगे जहां सभी क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, सभी को आगे बढ़ने के तमाम अवसर और साधन उपलब्ध होंगे।
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