देहरादून। वेतन भुगतान सहित अनेक मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। उनका कहना है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों का पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। सरकार उनके हितों के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। शीघ्र ही सचिवालय कूच किया जायेगा। सरकार उनकी सुध तक नहीं ले रही है।
आशा कार्यकत्री धरना-प्रदर्शन करते हुए। |
यहां धरना स्थल पर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष शिवा दूबे के नेतृत्व में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते कर धरना दिया और कार्यकत्र्रियों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार भेदभाव पूर्ण व्यवहार अपना रहे है। राजधानी में शीघ्र ही भूख हड़ताल शुरू कर दी जायेगी। समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जायेगा।
अन्य स्कीम वर्करों की भांति आशाओं को भी न्यूनतम वेतन व मानदेय दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वक्ताओं का कहना है कि सन 2012-17 तक चारों की पांच हजार रूपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि को एक मुश्त भुगतान जाये।
आशा कार्यकत्र्रियों को बोनस का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाये और 45वें श्रम सम्मेलन के फैसले के अनुसार आशा कार्यकत्र्रियों को कर्मकार घोषित किया और वर्तमान समय में बढती हुई महंगाई को देखते उनके भत्तों में महंगाई के अनुरूप बढोत्तरी की जाये। मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को अवगत कराये जाने के बाद भी आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है
उनके हितों की अनदेखी की जा रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। लगातार आंदोलन करने के बावजूद भी सरकार उनके हितों के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। एक ओर आरएसएस से संबंधित संगठन बीएमएस से वार्ता कर रहे है और दूसरी ओर हमें किसी भी प्रकार का न्याय नहीं दे रहे है शिवा दूबे, बीरेन्द्र सिंह भंडारी, मंजु ठाकुर, शीतल, राधा देवी, मधु शर्मा, मधुबाला, सीमा देवी, प्रमिला, हेमलता, शिवदेई नैथानी, हेमलता, कलावती, नीरू जैन, हन्सी देवी, बीना, आदि मौजूद थे।
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