नई दिल्ली: क्यूबा पर दशकों से जारी अमेरिकी प्रतिबंध की भारत ने कड़ी निंदा करते हुए इसे वैश्विक राय का उल्लंघन बताया है. खासतौर तब जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूर्ववर्ती बराक ओबामा की ओर से इसमें दी गई ढील को भी वापस लेना चाहते हैं.
अमेरिका और इस्राइल के अलावा 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में 191 देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. यह प्रस्ताव क्यूबा के खिलाफ अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंध समाप्त करने की आवश्यकता को लेकर था. प्रस्ताव को पेश करते हुए क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो एडुवर्डो रोड्रिग्ज पार्रिला ने आरोप लगाया कि क्यूबा के संबंध में अमेरिका की नयी नीति की मंशा संबंधों को अतीत के टकराव की ओर वापस ले जाने की है.
बुधवार को इस मुद्दे पर भारत के रुख को रखने के लिये संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध को विश्व समुदाय के बीच के परामर्श की नीतियों का उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि इससे संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता घट रही है और बहुपक्षीय संवाद कमजोर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध जारी रहने से व्यापक 2030 एजेंडा को लागू करने की क्यूबा की क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
सुदीप बंदोपाध्याय संयुक्त राष्ट्र महासभा के चालू सत्र में पहुंचे बहुदलीय सांसदों के भारतीय प्रतिनिधि-मंडल के सदस्य के तौर पर बोल रहे थे. वह कोलकाता के उत्तर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बहुपक्षीयवाद के सिद्धांतों में विश्वास रखने वाला भारत खुले तौर पर ऐसे घरेलू कानून जिसका असर दूसरे देशों पर पड़ता हो, को अस्वीकार करने के मसले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़ा है.
अमेरिका और इस्राइल के अलावा 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में 191 देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. यह प्रस्ताव क्यूबा के खिलाफ अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंध समाप्त करने की आवश्यकता को लेकर था. प्रस्ताव को पेश करते हुए क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो एडुवर्डो रोड्रिग्ज पार्रिला ने आरोप लगाया कि क्यूबा के संबंध में अमेरिका की नयी नीति की मंशा संबंधों को अतीत के टकराव की ओर वापस ले जाने की है.
बुधवार को इस मुद्दे पर भारत के रुख को रखने के लिये संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध को विश्व समुदाय के बीच के परामर्श की नीतियों का उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि इससे संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता घट रही है और बहुपक्षीय संवाद कमजोर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध जारी रहने से व्यापक 2030 एजेंडा को लागू करने की क्यूबा की क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
सुदीप बंदोपाध्याय संयुक्त राष्ट्र महासभा के चालू सत्र में पहुंचे बहुदलीय सांसदों के भारतीय प्रतिनिधि-मंडल के सदस्य के तौर पर बोल रहे थे. वह कोलकाता के उत्तर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बहुपक्षीयवाद के सिद्धांतों में विश्वास रखने वाला भारत खुले तौर पर ऐसे घरेलू कानून जिसका असर दूसरे देशों पर पड़ता हो, को अस्वीकार करने के मसले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़ा है.
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