देहरादून। भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए चमोली निवासी नरेंद्र राम को कैलाश अस्पताल के चिकित्सकों ने जीवनदान दिया है। कैलाश अस्पताल के चिकित्सक डा. हर्ष घिल्ड़ियाल ने कहा है कि नरेन्द्र राम अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उनका क्षतिग्रस्त चेहरा भी अब पूर्ण रूप से ठीक हो गया है। इसके साथ ही कैलाश अस्पताल के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। वहीं आज ही नरेन्द्र राम को डिस्चार्ज कर दिया है।
डॉक्टर्स के साथ नरेंद्र राम |
यहां जोगीवाला स्थित कैलाश अस्पताल के चिकित्सक डा. हर्ष घिल्डियाल ने कहा कि इस वर्ष अगस्त माह में चमोली ग्राम झींझी ईरानी निवासी नरेन्द्र राम पास के जंगल में पशु चराने गया था और उसी समय एक खतरनाक भालू ने घात लगाकर नरेन्द्र पर हमला कर उसका चेहरा बु तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। नरेन्द्र ने पास के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र से नगर मेडिकल कालेज व वहां से दून के लिए रेफर कर दिया गया और 24 घंटे तक बिना किसी प्राथमिक चिकित्सा के नरेन्द्र को 30 अगस्त को कैलाश अस्पताल लाया गया जाहं उसका निक्षण सीनियर प्लास्टिक सर्जन डा. हश घिल्डियाल, सीनियर आई सर्जन डा. भावना तिवा एवं इंटेस्टिविस्ट डा. प्रवीण वर्मान ने किया और नरेन्द्र की अधिकाश चोट उसके चेहरे तथा सिर पर थी। नरेन्द्र के होथ, नाक, पलक, गाल एवं भवें बु तरह से क्षतिग्रस्त थे उसकी नाक की हडडी हमले में नष्ट हो गई थी तथा कुछ और हडिडयों में भी फ्रेक्चर थे। नरेन्द्र की बांई आंख की रोशनी इस हमले में चली गई और आंख के क्षति विक्षत होने के कारण एसे बचाया नहीं जा सका। नरेन्द्र की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसके गले के रास्ते सांस की नली में रास्ता बनाया गया ताकि वह ठीक से सांस ले सके, तत्पश्चात तुरंत उसी रात को उसके चेहरे के क्षतिग्रस्त हिस्सों की प्लास्टिक सर्ज कर उन्हें वापस सुधारा गया, कुछ दिनों उपरांत नरेन्द्र की नाक जो की हमले में खून का दौरा खे चुकी थी गल गई जिसे पुनः इस तरह बनाया की नरेन्द्र समाज का सामना कर सके एक बडी चुनौती थी। नाक बनाने के इस कठिन कार्य को दो चरणों वाली प्लास्टिक सर्ज बनाने के काम लागया गया तथा बाजू की त्वजा से नाक को अंदरूुनी तथा बाह आकार दिया गया इस पू प्रक्रिया में नरेन्द्र की बायी बाजू को नाक से जोडकर 21 दिन तक रखा गया। नरेन्द्र ने सा लडाई बहुत बहादु से लडी उसने कभी भी उम्माीद नहीं खोई, न सिर्फ भालू के हमे का निडरता से सामना किया बल्कि विभिन्न सर्जरियों में भी अपना पूरा सहयोग दिया। इस अवसर पर अनेक चिकित्सक मौजूद थे।
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