शहीद को अंतिम विदाई देने उमड़ा भारी जनसैलाब |
देहरादून: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कर्णप्रयाग के सपूत सूरज सिंह तोपाल के अंतिम दर्शन को भारी जन सैलाब उमड़ा व शहीद को अश्रुपूर्ण विदाई दी। शहीद जवान का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके पैतृक गांव फलौटा पहुंचा। सूरज के पार्थिव शरीर पर लिपटकर माता-पिता, बहनें और अन्य परिजन घंटों तक बिलखते रहे।
शनिवार को पिंडर और अलकनंदा संगम तट पर इस वीर सपूत का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद सूरज को उनके चचेरे भाईयों मयंक तोपाल एवं प्रदीप ने मुखग्नि दी। शहीद के परिवार को सांत्वना देने खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कर्णप्रयाग संगम घाट पर पहुंचे। सीएम ने शहीद के परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया व शहीद की स्मृति में पौधरोपण किया।
सैन्य सम्मान के साथ दी गयी शहीद को अंतिम विदाई, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे |
अपने इस वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए भारी जन सैलाब संगम तट पर उमड़ पड़ा। जिन्होंने पाकिस्तान मुर्दाबाद और जब तक सूरज चांद रहेगा, सूरज तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए। इस दौरान हजारों लोगों की आखों में आंसू थे।
माता-पिता की आंखों का तारा और दो बहनों का लाडला सूरज अब आसमां में अनंत तारे की तरह जगमाएगा। परिवार अंदर से टूट गया है लेकिन फिर भी अपने सपूत पर उन्हें गर्व है। किसी ने ये नही सोचा था कि उनका बेटा अबकी बार तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। शहीद सूरज के पिता नारायण सिंह तोपाल फिर भी कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ।
25 साल के उत्तराखंड के इस सपूत का जन्म 3 सितंबर 1992 को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में हुआ था। सूरज के पिता नारायण सिंह तोपाल भी भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं।
गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में देर रात चल रही सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों और सुरक्षाबलों के मुठभेड़ में लड़ते हुए जहां सेना ने एक आतंकी को मार गिराया वहीं देश को दो जवानों को शहादत प्राप्त हुई। उनमें से एक कर्णप्रयाग के वीर सूरज सिंह तोपल हैं।
कर्णप्रयाग के वीर सपूत सूरज सिंह तोपाल की शहादत की ख़बर के बाद सीएम त्रिवेंद्र रावत के साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी शहीद को शत-शत नमन किया और अपनी श्रद्धांजलि दी।
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