देहरादून। जीरो टोलरेंश का ढोल पीटने वाली सरकार हिमाचल प्रदेश व हरियाणा के खनन माफियाओं के हाथों बिक चुकी है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आप रोजाना हिमाचल व हरियाणा से आने वाले उपखनिज के ट्रकों से देख सकते हैं।
पत्रकार वार्ता के दौरान रघुनाथ सिंह नेगी। |
यहां एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते करते हुए उन्होंने कहा कि इन माफियाओं के लिए टीएसआर सरकार ने रेड कार्पेट बिछा रखी है, जिसके चलते अधिकांश मामलों मंे 9 से 15 टन के रवन्ने वाले ट्रकों के 25 से 40 टन उपखनिज लाया जा रहा है। खास बात यह है कि इन ट्रकों को बिलकुल भी हाथ न लगाने की सरकार ने हिदायत दे रखी है। सरकार की खनन माफियाओं से सांठगांठ के चलते प्रदेश को करोड़ों रूपये राजस्व का चूना लग रहा है। आलम यह है कि रोजाना आने वाले इन रेट-बजरी के ट्रकों में दो-तीन गुणा उपखनिज अधिक भरा होता है, लेकिन इनको कोई रोकने वाला नहीं है तथा सूरज ढलते ही रोजाना 500-600 ट्रक उत्तराखण्ड की सीमा में प्रवेश करते हैं। नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड में खनिज के लिए कोई ठोस नीति न लाना तथा खनिज चुगान के मामले में टाल मटोल करना इसका स्पष्ट प्रमाण है। हैरानी की बात यह है कि ये आलम तब है जबकि प्रदेश व केन्द्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है। नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड में खनन व्यवस्था से जुडे़ हजारों व्यवसायियों एवं लाखों मजदूरों को सरकार ने घर बैठा दिया है तथा उत्तराखण्ड के लोग कई गुणा मंहगें दामों पर इन माफियाओं से उपखनिज खरीदने को मजबूर हैं। खास तौर पर ये वो लोग हैं जो अच्चे दिन आने के इंतजार में बर्बाद हो चुके हैं। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, मौ0 असद, ओ0पी0 राणा, रवि भट्नागर, प्रवीण शर्मा पिन्नी रहे।
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