रुद्रप्रयाग। जनपद में ऐतिहासिक धरोहरें संरक्षण के अभाव में खण्डहर में तब्दील होती जा रही हैं। पंचकेदारों का गद्दी स्थल व महाराजा मान्दाता की तपस्थली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ का पौराणिक कोठा भवन जर्जर हालत में है। मंदिर समिति के पास धन का अभाव होने के कारण अब केदारनाथ के राॅवल ने पीएम मोदी को कोठा भवन के पुनर्निर्माण के लिए सौ करोड रुपये का प्रस्ताव दिया है।
खण्डहर हालत में कोठा भवन। |
ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मदिर जो कि एक ऐतिहासिक धरोहर है। यहां पर महाराजा मानदाता ने कठोर तप की थी, तब भगवान शिव ने यहां पर ओंकारेश्वर स्वरुप में दर्शन दिये थे। यहां पर राक्षस सम्राट बाणासुर की पुत्री ऊषा व भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह सम्पन्न हुआ था, जिसकी गवाह विवाह वेदी आज भी कोठा भवन में मौजूद है। यहीं पर पंचकेदारों की गद्दीस्थल भी है और बाबा केदारनाथ का छः माह का शीतकालीन प्रवास स्थल होने के कारण इस धाम को वैराग्य पीठ के नाम से जाना जाता है। यहीं पर केदारनाथ के राॅवल की भी गद्दी है।
पू तरह से खण्डहर में तब्दील हो रहे कोठा भवन के पुनर्निर्माण को लेकर अब केदारनाथ के राॅवल भीमाशंकर लिंग ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने गुहार लगायी है। मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है, तो यहां पर होने वाले पुनर्निर्माण कार्य का ब्लू प्रिंट भी पीएम को सौंपा है। राॅवल भीमाश्ंाकर लिंग ने कहा कि पंचकेदार गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के कोठा भवन की हालत जर्जर बनी हुई है। ये कोठा भवन कभी भी धराशायी हो सकता है, जिससे जान-माल का नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कोठा भवन के पुनर्निर्माण को लेकर पीएम मोदी को प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इस प्रस्ताव पर पीएम मोदी अमल करते हैं तो आंेकारेश्वर मंदिर और कोटा भवन की तस्वीर बदल जायेगी।
उत्तराखण्ड क्रांतिवीर संगठन के अध्यक्ष पवन सिंह राणा ने कहा कि कोठा भवन जर्जर हालत में है। यह कोठा भवन गिरने के कगार पर है। इसके पुनर्निर्माण को लेकर कई बार सरकार और शासन-प्रशासन को पत्र भी भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पंचकेदारों की गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मंदिर के कोठा भवन की अनदेखी की जा रही है। बद्री-केदार मदिर समिति के कार्याधिका अनिल शर्मा ने बताया कि समिति द्वारा तीन चरणों में निर्माण कार्य किये गये हैं, जिनमें सिंह द्वार, कार्यालय भवन और सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया। अब कोठा भवन के निर्माण के लिए राॅवल ने पीएम को प्रस्ताव दिया है। केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के लिए प्रथम चरण में डेढ़ सौ करोड़ रुपये जा होने के बाद अब पंचकेदार गद्दीस्थल के भी पुनर्निर्माण को लेकर समिति की निगाहें पीएम पर टिकी हैं। अब देखना होगा कि पीएम मोदी राॅवल के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या फिर धन के अभाव में ऐतिहासिक कोठा भवन खण्डहर ही बना रहता है।
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