देहरादून। वेतन भुगतान सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रही आशा कार्यकत्रियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आशा कार्यकत्रियों को धरना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया।  
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस से उलझती आशा कार्यकर्ता। 
आशा कार्यकत्रियां पिछले लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर परेड मैदान में धरना-प्रदर्शन कर रही हैं। आज वे मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए धरना स्थल से बाहर निकलने लगी तो पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों की पुलिस के साथ तीखी नोक-झोंक हुई। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई, जहां से सायं को उन्हें छोड़ दिया गया। उनका कहना है कि अन्य स्कीम वर्करों की भांति आशाओं को भी न्यूनतम वेतन व मानदेय दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वक्ताओं का कहना है कि सन 2012-13, 2013-14, 2015-16, 2016-17 चारों की पांच हजार रूपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि को एक मुश्त भुगतान अविलंब किया जाये। सरकार अभी तक इस दिशा में गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। आशा कार्यकत्र्रियों को बोनस का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाये और 45वें श्रम सम्मेलन के फैसले के अनुसार आशा कार्यकत्र्रियों को कर्मकार घोषित किया और वर्तमान समय में बढती हुई महंगाई को देखते उनके भत्तों में महंगाई के अनुरूप बढ़ोत्तरी की जाये। उनका कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को अवगत कराये जाने के बाद भी आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। गिरफ्तार होने वालों में शिवा दूबे, बीरेन्द्र सिंह भंडारी, लेखराज, सुनीता चैहान, बीरा भंडारी, मंजु ठाकुर, नीरू जैन, हन्सी देवी, बीना, शीतल, राधा देवी, मधु शर्मा, मधुबाला, सीमा देवी, प्रमिला, हेमलता, शिवदेई नैथानी, हेमलता, कलावती, कलावती चंदोला, अनिता अग्रवाल आदि शामिल रहीं। 
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