इस बार का धनतेरस और दीपावली का त्यौहार अपने साथ एक दुर्लभ संयोग के साथ आ रहा है। इस वर्ष धनतेरस के त्यौहार पर 19 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस वर्ष के धनतेरस पर्व पर अबूझ मुहूर्त बन रहा है, ये दुर्लभ मुहूर्त अत्यंत शुभकारी माना जा रहा है। 17 अक्टूबर को पड़ने वाले धनतेरस पर्व पर बन रहे पांच शुभ मुहूर्त अत्यंत लाभकारी सिद्ध होने वाले हैं। ये पांचो शुभ योग 19 साल बाद एक दिन में रहेंगे।
दीपावली पर 27 साल बाद बन रहा ये संयोग
इस बार दीपावली पर्व पर भी 27 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस वर्ष दीपावली पर्व पर 27 साल बाद गुरू चित्रा योग बन रहा है। धनतेरस और दिवाली दोनों ही पर कई और शुभ योग बन रहे हैं। इस बार की दीपावली और धनतेरस पर बनने वाले इन मुहूर्तों को ज्योतिष की दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
धनतेरस के पर्व पर भगवान धन्वन्तरी की पूजा की जाती है। धनतेरस के पर्व पर खरीददारी करना शुभ माना जाता है। इस बार के धनतेरस पर्व पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 7:00 से 7:19 तक है। इस मुहूर्त के अलावा रात्रि 8 बजे से 8:17 मिनट तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस शुभ मुहूर्त में शुभ कार्य, लेन-देन अत्यंत शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन शाम के समय प्रदोष काल, सांयकालीन पूजा के बाद, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा का खरीदारी का विशेष महत्व होता है। इस बार पंचाग के अनुसार दीपावली पर पांच शुभ योग बनने जा रहे हैं। इस बार धनतेरस सुबह से देर रात तक मंगलकारी और लाभदायक रहेगा। धनतेरस पर मंगलवार और प्रदोष का होना अति शुभ है।
दीपावली पर है ये शुभ संयोग
इस बार के दीपावली के पर्व पर बनने वाला शुभ संयोग ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अत्यंत शुभ माना जा रहा है। दीपावली के पर्व पर माँ लक्ष्मी का पूजा-पाठ और खरीददारी करना लोगों के लिए अत्यंत शुभफलदायी हो सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 27 साल पहले साल 1990 में इसी तरह का संयोग बना था। इसके अलावा कई और भी संयोग हैं जिनमें पूजा करने पर लक्ष्मीजी आप पर प्रसन्न रहेंगी। गुरूवार को मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व अधिक होता है। इस बार के दीपावली के पर्व पर अमावस्या तिथि, गुरुवार का दिन और चित्रा नक्षत्र तीनों के एक साथ होने से यह पर्व अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इस पर्व पर सोना, भूमि, कृषि समेत चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रानिक चीजों की खरीददारी शुभ मानी जाती है।
धनतेरस पर हैं ये पांच शुभ संयोग
चंद्रमा-मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग निर्मित होगा।
सूर्य और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।
रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग रहेगा।
इस दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होते हैं।
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