पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना। सीबीआइ की गिरफ्तारी से बचने के लिए रेल होटल घोटाले में फंसा लालू परिवार अब अग्रिम जमानत की तैयारी में है। इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आरोपित हैं।
तेजस्वी के इस्तीफे के लिए महागठबंधन के साथी दल जदयू के नैतिक दबाव और भाजपा की आक्रामक बयानबाजी से पूरा परिवार परेशान है। भ्रष्टाचार के नए मामले ने लालू के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किए जा रहे तेजस्वी के राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया है। एक-दो दिनों के भीतर दिल्ली में जमानत याचिका दाखिल की जा सकती है, ताकि उन्हें जेल न जाना पड़े।
रेलवे होटल को लीज पर देने के मामले में बेनामी संपत्ति बटोरने के लिए साजिश और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ ने लालू परिवार के तीन सदस्यों को नामजद अभियुक्त बनाया है। सभी पर गैरजमानतीय धारा लगाई गई हैं।
सीबीआइ अगर इस मामले में गिरफ्तारी का रास्ता अख्तियार करती है तो तेजस्वी के सामने इस्तीफे के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचेगा और परिवार राजनीतिक हैसियत खतरे में पड़ जाएगी। ऐसी संकट वाली स्थिति से बचने के लिए अग्रिम जमानत ही दिख रहा। लालू परिवार देश के शीर्षस्थ वकीलों की राय ले रहा।
लालू भी कर रहे मोर्चाबंदी......
लालू प्रसाद ने अपने परिवार के खिलाफ दर्ज हो रहे नए केस में बचाव के लिए देश के शीर्षस्थ वकीलों से संपर्क किया है। उनसे राय ली जा रही। इसके पहले चारा घोटाले के एक मामले में राजद की ओर से राज्यसभा में भेजे गए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में लालू का पक्ष रखते रहे हैं।
एजेंसियों को पता है कि देश के एक बड़े राजनीतिक परिवार के खिलाफ जांच में एक चूक भी उनकी मेहनत पर पानी फेर सकती है। जांच एजेंसियां दो स्तर पर काम कर रही हैं। पहला पुराने सबूतों का गंभीरता से अन्वेषण किया जा रहा है। दूसरा नए मामले एवं सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।
घेर रहीं एजेंसियां....
लालू परिवार पर सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर का शिकंजा कस रहा। रेल होटल घोटाले में एफआइआर में सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष भी लिखे थे। यानी पूरी तैयारी के साथ एफआइआर हुई और छापेमारी की गई।
पांच जुलाई- सीबीआइ ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत आठ लोगों के खिलाफ दिल्ली में एफआइआर दर्ज की
सात जुलाई- सात जुलाई को लालू के पटना स्थित सरकारी आवास समेत देशभर के १२ ठिकानों पर छामेपारी की गई
लालू प्रसाद और उनके परिवार के दो अन्य सदस्यों तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी से सीबीआइ अगले सप्ताह पूछताछ कर सकती है। सीबीआइ दिल्ली तलब कर उनसे पूछताछ करने वाली है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने रेल मंत्रलय के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी अपने रडार पर ले रखा है।
ये वैसे अधिकारी हैं, जिन्होंने लालू प्रसाद के रेलमंत्री रहते उनके साथ काम किया है। रेलवे के होटलों को लीज पर दिए जाने में इनकी भी भूमिका रही है। सीबीआइ ने मंत्रलय से वर्ष 2004 से 2007 के बीच वैसी फाइलों की मांग की है, जिसमें बतौर रेलमंत्री लालू ने महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
ये सभी फाइलें रेलवे के वाणिज्यिक कामकाज से संबंधित हैं। मंत्रालय द्वारा ये फाइलें 14 जुलाई तक सीबीआइ को उपलब्ध करा दी जाएंगी। सूत्र बताते हैं कि छापेमारियों में सीबीआइ को कोचर बंधुओं और आइआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पीके गोयल के ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं।
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