मसूरी, मसूरी आज तक ब्यूरो। स्व0 वृजमोहन तेलवाल की स्मृति में कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भ भागवत कथा का शुभारंभ हुआ, जिसमे बड़ी संख्या में महिलाए और श्रद्धालुगण शामिल हुए ।
कलश यात्रा में सम्मिलित महिलाए |
गुरूवार
को स्व0 वृजमोहन तेलवाल की स्मृति में राधाकृष्ण मंदिर में शुरू हुई श्रीमद्भभागवत कथा
के प्रथम दिन कथा वाचक आर्चाय परशुराम भटट ने कहा कि संसार से व्यवहार करते
समय लक्ष्य संसार नहीं, भगवान होना चाहिए। लक्ष्य यदि ईश्वर की प्राप्ति है
तो व्यवहार साधना। प्रीति-परमार्थ, स्वार्थ सब कुछ अन्यास ही ईश्वर विषयक
होगा। उन्होंने कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुए
कहा कि सांसारिक वस्तुयें जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं, लेकिन जीवन नहीं शब्द
सुना जाता है अर्थ समझा जाता है और तत्व ग्रहण किया जाता है। इसलिए हमारे
ग्रंथ हमें जीने की कला सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस शरीर के लिए इंसान सब कुछ करता है, उसे एक दिन उसको छोड़ना ही पड़ता है।
इससे पहले दुर्गा मंदिर कैमल बैक रोड़ से राधाकृष्ण मंदिर तक भव्य कलश यात्रा
निकाली गयी, जिसमें भारी संख्या में महिलाओं सहित अन्य श्रद्धालुगण शामिल
रहे। जिसके बाद श्री राधाकृष्ण मंदिर में कथा के श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया।
कलश यात्रा में बल्लभ तेलवाल, अनिल तेलवाल, दीपक तेलवाल, पुष्पा पडियार, प्रमिला नेगी पंवार, विभा ममगांई, विमला भटट, सतीश
ढौडियाल, गिरीश ढौंडियाल, पूरण जुयाल, सोबन सिंह सहित भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।
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