मसूरी, मसूरी आज तक ब्यूरो: प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मसूरी स्थित एलबीएसएन अकादमी दौरे के दूसरे दिन मसूरी  92 वें फाउंडेशन कोर्स के 360 अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सुशासन पर जोर देते हुए विशेष रूप से प्रशिक्षु अधिकारियों को आवास, शिक्षा, एकीकृत परिवहन व्यवस्था, कुपोषण, ठोस कचरा प्रबंधन, कौशल विकास, डिजिटल लेनदेन, एक भारत - श्रेष्ट भारत और नई भारत - 2022 जैसे विषयों पर चर्चा की। 
 
प्रशिक्षु आईएस को संबोधित करते पीएम मोदी

इसके साथ ही उन्होने प्रशिक्षु अधिकारियों और केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ योगा किया। पीएम के साथ योगा करने को लेकर स्कूली छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित दिखे। वहीँ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स व गंगा हॉस्टल का निरीक्षण भी किया।

प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ योग करते पीएम मोदी
प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि इन विषयों पर भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गहराई में अध्ययन किया जाएगा। अधिकारियों ने पीएम के साथ अपने अनुभव साझा किए जो काफी सकारात्मक थे। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अंत से पहले ऑफिसर ट्रेनी के साथ उनकी टिप्पणियों और प्रतिक्रिया को साझा किया जाना चाहिए। प्रशिक्षु अधिकारियों ने भी स्वच्छ भारत मिशन के बारे में अपने विचारों को प्रस्तुत किया। प्रशिक्षण उपरांत, प्रशिक्षुओ के लिए सुझाव देते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि अधिकारीयों को हमेशा उनके आसपास के लोगों के प्रति सतर्क और चौकस रहना चाहिए। पीएम ने सरकार की योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए नीतिगत प्रयासों के लिए जन-भागीदारी या सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। प्रधान मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले, ब्रिटिश राज को बनाए रखने के उद्देश्य से सिविल सेवा  को स्थापित किया गया था। और अब सिविल सेवा का उद्देश्य लोगों की समृद्धि और कल्याण है। उन्होंने कहा कि यदि सिविल सेवकों ने इन उद्देश्यों को प्राप्त कर लिया, तो सरकारी मशीनरी और लोगों के बीच की खाई को कम किया जा सकता है।
अकादमी में बलवाडी में बच्चों के साथ बातचीत करते पीएम मोदी
प्रधान मंत्री ने कहा कि साइलो की समस्या और सिविल सेवकों के बीच टीम भावना की कमी का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सकता है। फाउंडेशन कोर्स के दौरान ओटीएस द्वारा किए गए ट्रेक का जिक्र करते हुए, उन्होंने प्रशिक्षुओ को टीम भावना और नेतृत्व को अपने करियर में लागू करने के लिए कहा। प्रधान मंत्री ने कहा कि सामाजिक आंदोलन लोकतंत्र में बदलाव ला सकते हैं, और नागरिक सेवाओं को इसके लिए उत्प्रेरक होना चाहिए। प्रधान मंत्री ने कहा कि गुमनामी सरकारी नौकर की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने अशोक के चौथे शेर में नागरिक सेवाओं की तुलना की, जो अदृश्य बना रहता है, फिर भी हर समय इसकी उपस्थिति महसूस होती है। 

प्रधान मंत्री ने कहा कि यात्रा एक महान भारतीय परंपरा है, और लोगों के साथ यात्रा और उनके साथ बातचीत करना, सीखने का एक अच्छा अनुभव है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारीयों से आग्रह किया कि वे अपनी पोस्टिंग के दौरान क्षेत्रों का भ्रमण करें। 

प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारीयों से कहा कि "कैरियर की भावना", को अब भारत के लोगों की सेवा के लिए "मिशन की भावना" में बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में, अपने क्षेत्र में सेवाए देंना उनके "जीवन का उद्देश्य" होना चाहिए। 

इससे पहले आज सुबह, प्रधान मंत्री ने अकादमी के लॉन में हिमालय की पृष्ठभूमि में आयोजित अधिकारी प्रशिक्षुओं के योग सत्र में भाग लिया।  प्रधान मंत्री ने अकादमी में बलवाडी का दौरा किया और बच्चों के साथ बातचीत की। उन्होंने अकादमी में व्यायामशाला और अन्य सुविधाओं का भी दौरा किया।
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