पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना। लालू प्रसाद और उनकी बेटी मीसा के ठिकानों पर सीबीआई और ईडी के छापों के बाद बिहार में सियासी हालात बदल रहे हैं। लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने घर पार्टी एमएलए की मीटिंग बुलाई है। दूसरी ओर, सीएम नीतीश कुमार राजगीर से पटना लौट आए हैं, लेकिन उन्होंने लालू के बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को हटाने पर कुछ नहीं कहा है। तेजस्वी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। नीतीश की पार्टी जेडीयू मंगलवार को मीटिंग करेगी। इस बीच, बीजेपी ने नीतीश से तेजस्वी को बर्खास्त करने की मांग की है। बोलने से बच रहे जदयू नेता...
- बदलते हुए सियासी हालात पर जेडीयू ने अब तक कुछ नहीं कहा है। लेकिन, वो पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश की सेहत खराब है और वो सोमवार को जनता दरबार प्रोग्राम में शिरकत नहीं करेंगे।
- दूसरी ओर, बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने रविवार को एक बार फिर नीतीश से चुप्पी तोड़ने और लालू के बेटे को बर्खास्त करने की मांग की।
सीएम ने बुलाई बैठक
- नीतीश तीन दिनों तक राजगीर में रहने के बाद रविवार दोपहर पटना लौटे, लेकिन मीडिया से बात नहीं की। नीतीश कुमार ने 11 जुलाई को पार्टी के तमाम आला नेताओं की मीटिंग बुलाई है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद कोई बड़ा एलान हो सकता है।
- बता दें कि बिहार में लालू की पार्टी आरजेडी के सबसे ज्यादा विधायक हैं। नीतीश की पार्टी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर है। तीनों ने मिलकर सरकार बनाई।
दिक्कत कहां?
- लालू सीबीआई और ईडी के छापों से परेशान पहले से ही हैं। लेकिन, बड़ी दिक्कत ये है कि अब तक नीतीश और उनकी पार्टी ने लालू के समर्थन में एक भी शब्द नहीं कहा है। माना जा रहा है कि सुशासन बाबू की इमेज वाले नीतीश तेजस्वी पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
- हालांकि, कांग्रेस ने लालू का खुलकर बचाव और समर्थन करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी का गलत इस्तेमाल कर रही है।
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