पटना, सनाउल हक़ चंचल-
बिहार के नालंदा ज़िले में मिट्टी की दीवार गिरने के बाद एक आठ वर्षीय बच्चे की जख्मी होने के बाद पीएमसीएच जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और करायपरशुराय पीएचसी पर कहर बन कर टूट पड़े। लोग पीएचसी में घुसकर तोड़फोड़ करने के साथ चिकित्सक व स्वास्थ्यर्किमयों के साथ भी मारपीट की। बताया जाता है कि पीएचसी कराय परशुराम कुड़ीपोखर मल्लाह निवासी रोहित मेहता का 8 वर्षीय पुत्र पियूष कुमार मिट्टी की दीवार गिरने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इसके बाद उसे तत्काल पीएचसी लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। पीएमसीएच जाने के लिए यहां पर दो एम्बुलेंस उपलब्ध थे बावजूद बच्चे की इलाज को उपलब्ध नहीं कराया गया। बाद में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। लोगों का आरोप है कि यहां पर दो-दो एम्बुलेंस रहने के बावजूद गंभीर रूप से बीमार बच्चे के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। इस घटना के बाद पीएचसी में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया ।अस्पताल में 2-2 एंबुलेंस रहते हुए भी मुहैया नहीं कराया गया इसके कारण बालक की मौत हो गई ।उसके बाद लोगों ने गुस्सा फूट पड़ा और सरकारी अस्पताल में तोड फोड़ करना शुरू कर दिया 2 दिन पहले भी इसी अस्पताल में एक नवजात शिशु ने एंबुलेंस के अभाव में ही दम तोड़ दिया था । इधर घटना की जानकारी मिलते ही डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने सिविल सर्जन डॉ सुबोध प्रसाद ¨सह का पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है।
सिविल सर्जन बताया कि ड्यटी में तैनात डॉ व दोषी र्किमयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज से ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चौबीस घंटा एंबुलेंस सेवा मौजूद रहेगा । प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी ने मृतक के परिजनों को परिवारिक लाभ योजना के तहत बीस हजार देने की बात गई। आक्रोशित ग्रामीणों को आरक्षी निरीक्षक मदन प्रसाद सिंह,हिलसा, नगरनौसा , चिकसौरा थानाध्यक्ष के सहयोग से मामला को शांत कराया गया।
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