पटना, सनाउल हक़ चंचल
पटना। शेखपुरा के अरियरी प्रखंड अंतर्गत जखौर गांव में उस समय अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक किसान के झोपड़ीनुमा घर से दर्जनों की संख्या में जहरीले सांपों का झुंड निकला। इतनी बड़ी संख्या में नाग-नागिन और उनके बच्चों को देखने के लिए आस-पास के कई गांवों के लोग इकट्ठा हो गए।
किसान के घर से एक साथ 26 सांप निकलने से हड़कंप मच गया। घटना सोमवार सुबह की है। किसान मुकेश कुमार अपनी पत्नी के साथ सुबह घर में बेटी को सोता हुआ छोड़कर बाहर गए थे। जब लौटकर आए तो देखा बेटी पंलग पर तड़प रही थी और उसने सांप को घर में घूमते हुए देखा। मुकेश को समझने में देर नहीं लगी कि उसकी बेटी को सांप ने डंस लिया है।
मुकेश बेटी को लेकर अस्पाल पहुंचा जहां उसकी मौत हो गई। मुकेश सांप के डर से घर में जाना छोड़ दिया और गांव वालों को संपेरा बुलाने की बात कही। सांप को घर से निकालने के लिए मुकेश पास के गांव के सपेरा को बुला लाया। संपेरे ने घर में देखा तो उसके होश उड़ गए, नाग-नागिन के साथ जहरीले सांप का पूरा कुनबा मुकेश के घर में डेरा डाले हुए था।
सपेरे के लिए भी इतने सांप पर काबू पाना आसान न था। उसने पहले नाग के बच्चों को पकड़ना शुरू किया। एक के बाद एक वह सांप को पकड़कर मिट्टी के बरतन में डाल रहा था। उसने सांप के 22 बच्चों को तो आसानी से पकड़ लिया लेकिन दो जोड़े नाग-नागिर को काबू में करने में उसके पसीने छूट गए।
एक नाग ने सपेरे को काफी परेशान कर दिया था। एक हाथ से सांप की पूंछ पकड़ सपेरा गर्दन पकड़ना चाहता था, लेकिन नाग लगातार अटैक कर रहा था। सपेरा काफी देर तक नाग को मिट्टी के बर्तन में रखने की कोशिश करता रहा, लेकिन ऐसा न हुआ।
काफी मशक्कत के बाद संपेरे ने नाग-नागिन को भी काबू में किया और सबको मिट्टी के बरतन में डालकर लेकर चला गया। गांव की इस घटना को लेकर ज्यादातर महिलाएं इसे देवी प्रकोप मान रही है जबकि लोग सांपों का इतना बड़ा झुण्ड देखने के बाद परेशान रहे।
पटना। शेखपुरा के अरियरी प्रखंड अंतर्गत जखौर गांव में उस समय अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक किसान के झोपड़ीनुमा घर से दर्जनों की संख्या में जहरीले सांपों का झुंड निकला। इतनी बड़ी संख्या में नाग-नागिन और उनके बच्चों को देखने के लिए आस-पास के कई गांवों के लोग इकट्ठा हो गए।
किसान के घर से एक साथ 26 सांप निकलने से हड़कंप मच गया। घटना सोमवार सुबह की है। किसान मुकेश कुमार अपनी पत्नी के साथ सुबह घर में बेटी को सोता हुआ छोड़कर बाहर गए थे। जब लौटकर आए तो देखा बेटी पंलग पर तड़प रही थी और उसने सांप को घर में घूमते हुए देखा। मुकेश को समझने में देर नहीं लगी कि उसकी बेटी को सांप ने डंस लिया है।
मुकेश बेटी को लेकर अस्पाल पहुंचा जहां उसकी मौत हो गई। मुकेश सांप के डर से घर में जाना छोड़ दिया और गांव वालों को संपेरा बुलाने की बात कही। सांप को घर से निकालने के लिए मुकेश पास के गांव के सपेरा को बुला लाया। संपेरे ने घर में देखा तो उसके होश उड़ गए, नाग-नागिन के साथ जहरीले सांप का पूरा कुनबा मुकेश के घर में डेरा डाले हुए था।
सपेरे के लिए भी इतने सांप पर काबू पाना आसान न था। उसने पहले नाग के बच्चों को पकड़ना शुरू किया। एक के बाद एक वह सांप को पकड़कर मिट्टी के बरतन में डाल रहा था। उसने सांप के 22 बच्चों को तो आसानी से पकड़ लिया लेकिन दो जोड़े नाग-नागिर को काबू में करने में उसके पसीने छूट गए।
एक नाग ने सपेरे को काफी परेशान कर दिया था। एक हाथ से सांप की पूंछ पकड़ सपेरा गर्दन पकड़ना चाहता था, लेकिन नाग लगातार अटैक कर रहा था। सपेरा काफी देर तक नाग को मिट्टी के बर्तन में रखने की कोशिश करता रहा, लेकिन ऐसा न हुआ।
काफी मशक्कत के बाद संपेरे ने नाग-नागिन को भी काबू में किया और सबको मिट्टी के बरतन में डालकर लेकर चला गया। गांव की इस घटना को लेकर ज्यादातर महिलाएं इसे देवी प्रकोप मान रही है जबकि लोग सांपों का इतना बड़ा झुण्ड देखने के बाद परेशान रहे।
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