पटना, सनाउल हक़ चंचल-

छपरा। मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के मामले में स्कूल की सजायफ्ता हेडमास्टर मीना देवी शुक्रवार को छपरा जेल से बाहर आ गई।अपरजिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी की कोर्ट में हेडमास्टर मीना देवी का बेल बांड दाखिल करने के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी।

उनके अधिवक्ता भोला राय ने कोर्ट में कहा कि मीना देवी को हाईकोर्ट से तीन जुलाई को जमानत मिल गई है।रिलिज आदेश के बाद उन्हें बाहर लाया जा सकता है।उसके बाद कोर्ट ने रिलिज करने का आदेश दे दिया।देर शाम मीना देवी को बाहर लाया गया।बता दें कि आरोपी मीना देवी को तीन साल 11 माह आठ दिन बाद जेल से छूट पाई।जेल से बाहर छूटने की जश्न उनके परिजनों में थी।

उनके पति अर्जुन राय ने कहा कि आखिर इंसाफ मिल ही गया।विदित हो कि  16 नवंबर 2016 को यह मामला हाइकोर्ट के पास पहुंचा था। इस मामले में निचली अदालत ने मीना देवी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पटना हाइकोर्ट में अपील दायर की गयी थी। निचली अदालत ने मीना देवी को 17 साल की सजा सुनाई थी। मरनेवालों में 23 बच्चों के साथ रसोईया भी शामिल थी।

16 जुलाई, 2013: विषाक्त मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की हुई थी मौत.......

16 जुलाई 2013 को विद्यालय में रसोइया पान्ना देवी और मंजू कुंवर ने मिड डे मील बनाया था, जिसे खाने के बाद बच्चे बेहोश होने लगे। उन्हें सदर अस्पताल में लाया गया। जहां एक के बाद एक कर 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया था। मृत बच्चा आशीष कुमार के पिता आखिलानंद मिश्र ने मशरक  थाना कांड संख्या 154/13 में हेडमास्टर मीना देवी और उनके पति अर्जुन राय  को अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी। पुलिस ने घटना के आठवें दिन 24 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की और अगले  दिन 25 जुलाई को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीजेएम न्यायालय में  प्रस्तुत किया था। सीजेएम अनिल कुमार झा ने मीना देवी को रिमांड पर लेते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इस मामले के कोर्ट ने नौ जनवरी 2015 को शिक्षिका और उनके पति पर भादवि की  धारा 302, 307, 328, और 120 बी के तहत आरोप का गठन किया था।

एचएम को दो अलग-अलग धाराओं में 17 साल की सश्रम कारावास हुई थी...

मशरक प्रखंड के धर्मासती गंडामन स्कूल में 16 जुलाई 2013 को मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की हुई मौत मामले में कोर्ट ने  मीना देवी को दो अलग-अलग धाराओं में 17 साल की सश्रम सजा सुनाई थी।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी की कोर्ट ने धारा 304 में दस साल व 2.5 लाख जुर्माना तथा धारा 308 में सात साल की कैद व 1.25 लाख का जुर्माना लगाये थे। इस बड़े मामले में 40 गवाहों की गवाही हुई थी।इस मामले में कोर्ट में दो रसोईया, 22 ग्रामीण, 9 डॉक्टर व एसआईटी के 8 अफसरों के अलावा अन्य की गवाही हुई थी।
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