विकासनगर/देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2005 से पूर्व सचिवालय में सम्बद्व कार्मिकों की सेवा स्थानान्तरण सम्बन्धी पत्रावली पर सीएम त्रिवेन्द्र रावत द्वारा 17 मई को उक्त मामले में आदेश निर्गत किये जाने सम्बन्धी पत्रावली पर सहमति प्रदान की गयी थी और इसके अनुपालन में मुख्य सचिव द्वारा उसी दिन प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग को तत्काल आदेश जारी करने हेतु निर्देशित किया गया था। तीन माह बीतने के उपरान्त भी सेवा स्थानान्तरण न होने के मामले में सी0एम0 द्वारा 25 अगस्त को इन अधिकारियों को जिन्होंने पत्रावली आवश्यक रूप से घुमायी यानि ठण्डे बस्ते में डाली, उनको चेतावनी निर्गत किये जाने के आदेश फिर पारित किये गये।
यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि चेतावनी सम्बन्धी आदेश एवं सेवा स्थानान्तरण विषयक मामले में फिर तीन माह बीतने के उपरान्त भी मामला जस का तस बना हुआ है तथा सी0एम0 के आदेश बौने साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि ब्यूरोक्रेट्स सी0एम0 के आदेश की नाफरमानी कर रहे हैं तथा अपनी मर्जी से पत्रावलियों को घुमा रहे हैं, जैसा कि पत्रावली की टीपों पर उल्लेखित है। उत्तराखण्ड के इतिहास में यह पहला मौका है, जब स्वयं सीएम लिखितरूप से पत्रावली घुमाने वाले मामले को स्वीकार कर चुके हैं, इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है। जनसंघर्ष मोर्चा प्रदेश के अक्षम एवं ब्यूरोक्रेट्स पर लगाम कसने में विफल सी0एम0 से इस्तीफे की मांग करता है।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, हाजी जामिन, आशीष कुमार, प्रवीण शर्मा आदि शामिल रहे।
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