मसूरी, मसूरी आज तक ब्यूरो। नगर पालिका परिषद् मसूरी की सभासद शशि रावत ने पालिकाध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमित्ताओ, पद एवं अधिकारों का दुरूपयोग किये जाने की उनकी शिकायतों पर जांच व किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से क्षुब्ध होकर सभासद पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। वहीँ पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने उनके इस्तीफा देने पर बधाई दी है
पत्रकार वार्ता करती सभासद शशि रावत
गुरुवार को लाइब्रेरी स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में शशि रावत ने बताया है कि उनके द्वारा साक्ष्यों सहित पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल के खिलाफ भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं तथा अपने पद व अधिकारों का दुरुपयोग करने,पालिका की संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने सहित कई मामलों को लेकर शासन-प्रशासन में शिकायतें की गई हैं। जिन पर कार्यवाही नही होने के कारण उनके द्वारा 24 जुलाई को पालिका प्रांगण में धरना दिया था। जिसके बाद 28 जुलाई को जिलाधिकारी देहरादून के निर्देशों पर उपजिलाधिकारी मसूरी ने उन्हें एक माह में जांच एवं कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन तीन माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से क्षुब्ध होकर उन्हें मजबूरन सभासद पद से इस्तीफा देना पडा है और मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, शहरी विकास मंत्री, गढ़वाल मंडलायुक्त व जिलाधिकारी को अपन इस्तीफा भेज दिया है । 
शहरी विकास मंत्री का पत्र
शशि रावत ने कहा है कि इससे उन्हें लगता है कि जानबूझकर पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही करने में उदासीनता बरती जा रही है। और भविष्य में भी किसी प्रकार की कार्यवाही की उन्हें अब उम्मीद नही है। साथ ही बताया कि उन्हें अभी तक अपना पक्ष रखने का अवसर भी नही दिया जा गया है, जिस कारण वे ठगा सा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्री द्वारा भी शिकायतों पर कार्यवाही किये जाने के लिए शहरी विकास विभाग को निर्देशित करने के बाद भी कार्यवाही नही हो पायी है, जोकि शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण है इसलिए एक जनप्रतिनिधि होने के नाते अब उनका सभासद पद पर बने रहने का कोई औचित्य नही रह गया है। वहीँ उन्हें अन्य सभासदों का सहयोग नही मिलने पर शशि रावत ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते यह उनकी लडाई है, अन्य सभासदों ने क्यों सहयोग नही दिया, वह उनका विवेक है, लेकिन यदि सभी का साथ होता तो निश्चित रूप से पालिकाध्यक्ष के खिलाफ अब तक कार्यवाही अवश्य हो गयी होती। 

सभासद ने बताया कि वे इन सभी मामलों को लेकर पिछले दो सालों से लगातार पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रही हैं, किन्तु उन्हें कहीं से भी सहयोग नही मिल पा रहा है शशि रावत ने कहा कि अभी हाल ही में पालिकाध्यक्ष के जन्मदिन की पार्टी के लिए पालिका कोष से एक लाख रूपये निकाले गए हैं, जिससे साफ़ है कि पालिकाध्यक्ष नियम कानूनों को दरकिनार कर अपनी हठधर्मिता से कार्य कर रहे हैं
वहीँ भाजपा मसूरी मंडल व मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा सहयोग किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा मसूरी मंडल व विधायक द्वारा यदि इन मामलों में उन्हें सहयोग मिला होता, तो अब तक पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल जेल में होते उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों नही हुआ, और क्या कारण है, इस बारे में वे टिप्पणी नही करना चाहती हैं

वहीँ पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया व कहा कि यह आरोप वह लगा रही हैं, जिन्होंने खुद ही पालिका की जमीन कब्जा कर तीन मंजिला मकान खड़ा कर दिया है किसी पर भी आरोप लगाना आसन है, यदि सभासद के पास साक्ष्य है, तो उनकी शिकायतों पर कार्यवाही क्यों नही हुई पालिकाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने हमेशा कहा है कि किसी भी जाँच के लिए तैयार है, और अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो इसकी सजा भुगतने के लिए भी तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभासद को इस्तीफा देने पर बधाई भी दी है
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