मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी से 40 किलोमीटर दूर काण्डा जाख क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दयर्ता से भरपूर है। यह क्षेत्र यहां आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों को बहुत लुभाता है। इस क्षेत्र की प्राकृतिक छटाये यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, लेकिन प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित नहीं किये जाने से क्षेत्र के लोगों में भी निराशा है।
यदि काण्डा जाख क्षेत्र की प्राकृतिक सौन्दर्यता को देखते हुए इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाय तो पर्यटकों को पहाड़ों की रानी के अतिरिक्त एक और अच्छा प्राकृतिक सौंदर्य व स्वच्छ वातावरण से भरपूर एक और पर्यटन स्थल उपलब्ध हो सकता है। इसके साथ ही ग्रामीणों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे, जिससे क्षेत्र से होने वाले पलायन पर भी रोक लगाई जा सकती है। क्षेत्र के ग्रामीण यहाँ पहुंचने वाले पर्यटकों को अपनी संस्कृति के साथ ही क्षेत्र के उत्पादो से तैयार होने वाले स्वादिष्ट भोजन परोस कर किसी तरह इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल बनाए रखने को प्रयासरत हैं। यहाँ आने वाले पर्यटकों की मानें तो काण्डा जाख में आकर वास्तविक देवभूमि के दर्शन प्राप्त होते है। यहां पर जाख देवता का एक प्राचीन मन्दिर भी है जिसके देश और विदेश के पर्यटक भी दर्शन करते हैं।
सरकार व पर्यटन विभाग यदि इस क्षेत्र की ओर ध्यान दे तो यह मसूरी व धनोल्टी के पास होने के कारण पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है और स्थानीय लोगों को घर पर ही रोजगार मिलने के साथ पलायन भी रुकेगा।
यदि काण्डा जाख क्षेत्र की प्राकृतिक सौन्दर्यता को देखते हुए इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाय तो पर्यटकों को पहाड़ों की रानी के अतिरिक्त एक और अच्छा प्राकृतिक सौंदर्य व स्वच्छ वातावरण से भरपूर एक और पर्यटन स्थल उपलब्ध हो सकता है। इसके साथ ही ग्रामीणों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे, जिससे क्षेत्र से होने वाले पलायन पर भी रोक लगाई जा सकती है। क्षेत्र के ग्रामीण यहाँ पहुंचने वाले पर्यटकों को अपनी संस्कृति के साथ ही क्षेत्र के उत्पादो से तैयार होने वाले स्वादिष्ट भोजन परोस कर किसी तरह इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल बनाए रखने को प्रयासरत हैं। यहाँ आने वाले पर्यटकों की मानें तो काण्डा जाख में आकर वास्तविक देवभूमि के दर्शन प्राप्त होते है। यहां पर जाख देवता का एक प्राचीन मन्दिर भी है जिसके देश और विदेश के पर्यटक भी दर्शन करते हैं।
सरकार व पर्यटन विभाग यदि इस क्षेत्र की ओर ध्यान दे तो यह मसूरी व धनोल्टी के पास होने के कारण पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है और स्थानीय लोगों को घर पर ही रोजगार मिलने के साथ पलायन भी रुकेगा।
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