सियोल. अमेरिका और उत्तर कोरिया जुबानी जंग के बाद असली युद्ध जैसे हालात ओर बढ़ रहे हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच उत्तर कोरिया ने युद्ध नॉर्थ की तैयारियां कर रहा है. इसी तैयारी के तहत उत्तर कोरिया ने अपनी कई मिसाइलों को प्योंगयांग में तैनात कर दिया है. इस फैसले के जरिए उसने संकेत देने की कोशिश की है कि उकसाने पर वह कार्रवाई की पहल भी कर सकता है. 
                    
न्यूज एजेंसी एक सूत्रों के हवाले से कहा है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिकी इंटेलिजेंस ऑफिशियल्स को यह पता चला है कि सनम-डॉन्ग के मिसाइल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर (रॉकेट फैसिलिटी सेंटर) से कई कोरियाई मिसाइलों को प्योंगयांग के उत्तरी हिस्से में ले जाया गया है. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ये मिसाइलें कब ले जाई गईं.

अमेरिका ने 23 सितंबर को उत्तर कोरिया के पूर्वी समुद्री तट के पास अपने लड़ाकू और बमवर्षक फाइटर प्लेन उड़ाए थे. अमेरिकी एयरफोर्स के बी-1बी लांसर बॉम्बर्स ने गुआम और एफ-15सी ईगल फाइटर एस्कॉर्ट्स ने जापान के ओकिनावा से उड़ान भरी. ये प्लेन इंटरनेशनल वाटर बॉर्डर से गुजरे. अमेरिका के इस कदम के बाद किम जोंग उन बेहद नाराज हो गए और उन्होंने अपनी सेना को किसी भी आपात युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप 3 से 14 नवंबर तक 5 एशियाई देशों- जापान, साउथ कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस के दौरे पर रहेंगे. इस दौर पर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन नजरें गढ़ाए हैं. दरअसल, माना जाता है कि उत्तर कोरिया को चीन का समर्थन है, लेकिन इस दौरे पर अमेरिका और चीन के बीच उत्तर कोरिया को नियंत्रण में करने के लिए बातचीत की गुंजाइश की बात कही जा रही है. उधर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि उनका देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नवंबर में होने वाला चीन दौरा ‘सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय कार्यक्रम’ है. उत्तर कोरिया को लेकर चल रहे संकट के बीच शी ने अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात की.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार टिलरसन ने कहा, 'ट्रंप का दौरा चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के लिए बड़ा अवसर होगा.' चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों पक्षों को इस दौरे को ‘सफल और खास’ बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. शी ने चीन-अमेरिका संबंधों को ‘आमतौर पर स्थिर’ करार दिया और कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ ठोस संवाद कायम किया है.
हाइड्रोजन बम विस्फोट की धमकी दे चुके हैं किम जोंग
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने शुक्रवार (22 सितंबर) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘मानसिक तौर पर विक्षिप्त’ बताया और चेतावनी दी कि देश को तबाह कर देने संबंधी अपने बयान के लिये उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने संकेत दिए कि उनका प्रशासन प्रशांत महासागर के ऊपर हाइड्रोजन बम में विस्फोट कर सकता है. वॉशिंगटन ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की थी जिसके कुछ घंटे बाद यह व्यक्तिगत हमला सामने आया है. उत्तर कोरियाई नेता ने ट्रंप को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने संरा महासभा में अपने पहले संबोधन में किम को ‘रॉकेट मैन’ की संज्ञा दी थी और उत्तर कोरिया को पूरी तरह तबाह कर देने की धमकी भी दी थी.

कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनीफिकेशन में विश्लेषक चुंग सुंग यून ने कहा कि इस बात की ‘बहुत अधिक संभावना’ है कि किम आगे किसी तरह की उकसावे की कार्रवाई कर सकते हैं. बहरहाल, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया क्या करेगा. चुंग ने कहा कि इस बात की संभावना है कि उत्तर कोरिया उत्तरी प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की कोशिश कर सकता है. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका संभावित रूप से रॉकेट को मार गिराने की कोशिश करेगा जबकि चीन उस पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकता है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के लिए विनाशकारी होगा.
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