उत्तरकाशी । नौगांव प्रखंड के अंतर्गत कपनोल, बिगसी, क्वाड़ी, सपेटा, किम्मी, नैणी, पिसाऊ, बलाड़ी तथा मटियाली गांव समेत कई गांवों में नवरात्र पर पांडव नृत्य की धूम मची हुई है। देवता के पश्वा ढोल, दमाऊ की थाप पर नृत्य कर रहे हैं। इस दौरान मटियाली गांव में गैडी नृत्य आर्कषण का केंद्र रहा।
बाजगी बचनदास ने मटियाली गांव में महाभारत गाथा को गाकर देवताओं के पश्वाओं को को खूब नचाया। नवरात्री पर्व पर नौगांव प्रखंड के कई गांवों में नौ व सात दिन तक पांडव जागरण किया गया। इसमें सभी देवी देवताओं व ईष्ट देवताओं की पूजा अर्चना की गई। सभी गांवों के देवताओं के पश्वा ने अपने निशानों के साथ यमुना तट पर आकर स्नान कर वापस अपने अपने गांव पहुंचे। जहां गांव की चैंरी या थाप पर पांडवों ने जमकर मंडाण लगाया। दिनभर इन गांवों में पांडव नृत्य की धूम मची रही। अंत में सभी पांडवों को विदाई दी गई। इस दौरान जगह जगह पर देवताओं के पश्वा कृष्ण, युधिष्ठर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव, द्रोपदी और आछरी-मातरी समेत सभी का लोगों ने फूल मालाओं व तिलक लगाकर स्वागत किया।
बाजगी बचनदास ने मटियाली गांव में महाभारत गाथा को गाकर देवताओं के पश्वाओं को को खूब नचाया। नवरात्री पर्व पर नौगांव प्रखंड के कई गांवों में नौ व सात दिन तक पांडव जागरण किया गया। इसमें सभी देवी देवताओं व ईष्ट देवताओं की पूजा अर्चना की गई। सभी गांवों के देवताओं के पश्वा ने अपने निशानों के साथ यमुना तट पर आकर स्नान कर वापस अपने अपने गांव पहुंचे। जहां गांव की चैंरी या थाप पर पांडवों ने जमकर मंडाण लगाया। दिनभर इन गांवों में पांडव नृत्य की धूम मची रही। अंत में सभी पांडवों को विदाई दी गई। इस दौरान जगह जगह पर देवताओं के पश्वा कृष्ण, युधिष्ठर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव, द्रोपदी और आछरी-मातरी समेत सभी का लोगों ने फूल मालाओं व तिलक लगाकर स्वागत किया।
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