मुंबई। अभिनेता, लेखक और पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित टॉम आल्टर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया है। लंबे समय से स्किन कैंसर से पीड़ित टॉम ऑल्टर ने शुक्रवार रात अंतिम सांस ली। उनका इलाज मुंबई के सैफी अस्पताल में चल रहा था।
टॉम ऑल्टर के परिवार ने एक बयान में कहा, 'दुख के साथ हम अभिनेता, लेखक, निर्देशक, पद्मश्री टॉम ऑल्टर के निधन की घोषणा करते हैं। टॉम शुक्रवार रात में अपने परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में दुनिया से विदा हो गए। हमारा आग्रह है कि इस समय हमारी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए।' उनके परिवार में उनकी पत्नी कैरल, बेटा जेमी और बेटी अफशां हैं।
टॉम ऑल्टर का जन्म सन 1950 में मसूरी में हुआ था। वे भारत में तीसरी पीढ़ी के अमेरिकी थे। उन्होंने वूडस्टॉक स्कूल में पढ़ाई की और इसके बाद थोयेल यूनिवर्सिटी में पढ़े।
70 के शुरुआती दशक में वह भारत लौट आए। इसके बाद उन्होंने यहां के पुणे स्थित फिल्म ऐंड टेलिविजिन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से भी पढ़ाई की। सन 1972 में उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में एडमीशन लिया। अस्सी और नब्बे के दशक में उन्होंने खेल पत्रकारिता भी की।
आपको बताते चलें कि मसूरी के साथ ही टॉम को भारत में दूसरे किसी शहर से सबसे ज्यादा लगाव रहा था, तो वह थी दिल वालों की दिल्ली। अपने कई इंटरव्यूज में उन्होंने इस बात का जिक्र किया। दिल्ली से जुड़े उनके कई दिलचस्प किस्से हैं।
द हिंदू अखबार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि मसूरी में रहते हुए दिल्ली उनके लिए माउंट एवरेस्ट की तरह था। वजह ये थी कि मसूरी से दिल्ली पहुंचना उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता था। इसी वजह से एक बार उनके पापा और अंकल ने उन्हें चैलेंज भी दिया था।
उन्हें कहा गया था कि अगर वो मसूरी से दिल्ली साइकिल पर जाते हैं और 24 घंटे से पहले पहुंचते हैं, तो उन्हें तीन रुपये मिलेंगे। ये 1966 का दौर था, जब तीन रुपये आज के तीन सौ रुपये के बराबर होते थे। इंटरव्यू में टॉम ने बताया कि किस तरह वह अपने एक दोस्त के साथ सुबह 6.30 बजे मसूरी से निकले और रात को साढ़े नौ बजे दिल्ली पहुंचे।
टॉम के अनुसार उस दिन उन्होंने दिल्ली में खूब मस्ती की थी। पहले वह सिनेमा देखने गए, फिर उन्होंने मटन बिरयानी खाई और फिर वो टैक्सी से वापस आए थे।
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