मसूरी आज तक ब्यूरो। आशा कार्यकत्रियों ने वेतन भुगतान सहित अनेक मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना -प्रदर्शन के तहत  38वे दिन एक दिवसीय क्रर्मिक अनशन किया। वहीँ सरकार द्वारा शीघ्र उनकी मांगे न माने जाने पर भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है।

क्रमिक अनशन पर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रिया। 
बतादें कि आशा कार्यकत्री पिछले 38 दिनों से झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई है, लेकिन न तो क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी और ना ही प्रदेश सरकार ने उनकी कोई सुध ली है, जिससे आक्रोशित आशा कार्यकत्रीयों ने एक दिन का क्रमिक अनशन किया व सरकार को उग्र आंदोलन व भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। 

शनिवार को शहीद स्थल झूलाघर पर विगत एक माह से भी लम्बे समय से चला आ रहा आशा कार्यकत्रियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। आशा कार्यकत्रियों ने आज 38वें दिन उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की मसूरी इकाई की अध्यक्षा बीना रावत के नेतृत्व में प्रदेश सरकार के खिलाफ 38वें दिन अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रखते हुए एक दिवसीय क्रमिक अनशन किया व सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने प्रदेश सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार उनके हितों के लिए गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जो चिंता का विषय है। उनका कहना है कि सरकार के खिलाफ अब आर-पार की लडाई लडी जायेगी जिसके लिए जल्द ही नए सिरे से रणनीति तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा 10 अक्टूबर तक उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो उन्हें सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल के साथ ही उग्र आंदोलन करने के लिए वाध्य होना पड़ेगा। उनका कहना है कि पूर्व में मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को अवगत कराये जाने के बाद भी आज तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है और लगातार उनके हितों की अनदेखी की जा रही है। बीना ने कहा कि अन्य स्कीम वर्करों की भांति आशाओं को भी न्यूनतम वेतन व मानदेय दिया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वक्ताओं का कहना है कि वर्ष 2012-13, 2013-14, 2015-16, 2016-17 की पांच हजार रूपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि को एक मुश्त भुगतान अविलंब जारी किया जाये। वहीँ कहा कि आशा कार्यकत्र्रियों को बोनस का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाये और 45वें श्रम सम्मेलन के फैसले के अनुसार आशा कार्यकत्र्रियों को कर्मकार घोषित किया और वर्तमान समय में बढती हुई महंगाई को देखते उनके भत्तों में महंगाई के अनुरूप बढोत्तरी की जाये। 

वहीं शहर के विभिन्न संगठनों ने आशा कार्यकत्रियों को अपना सर्मथन दिया है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल व महिला कांग्रेस अध्यक्षा जसबीर कौर ने कहा कि आशा कार्यकत्री पिछले 38 दिनों से धरने पर बैठी हैं, लेकिन क्षेत्रीय विधायक ने भी उनकी कोई सुध नहीं ली, जबकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्रियों को कांग्रेस का पूर्ण सर्मथन है।

वहीं होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सोबन सिंह पंवार ने कहा कि यदि सरकार द्वारा 10 अक्टूबर तक आशा कार्यकत्रियों की मांगे नहीं मानी गयी, तो यूनियन 11 अक्टूबर से आशाओं के साथ मिलकर धरना-प्रर्दशन, चक्का जाम करने के साथ ही मसूरी के होटलों को भी बंद करवाने के लिए बाध्य होंगी। 

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी, दून स्कूल कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बैशाख सिंह, विक्रम बलुड़ी, सुनीता सेमवाल, उषा भट्ट, विनीता नेगी, शिवदेई, सीमा देवी, कुसुम तोमर, विजेता रमोला, संगीता भंडारी, रेनू, सुनील उनियाल, राजेश रावत मौजूद रहे। 


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