पटना, सनाउल हक़ चंचल-
नीतीश कैबिनेट का पहला विस्तार कर दिया गया है। शनिवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने 26 विधायकों समेत 27 लोगों को पद एंव गोपनीयता की शपथ दिलायी। इनमें जदयू के 14 विधायक और भाजपा के 12 विधायक शामिल हैं।
26वें सदस्य के रूप में शपथ लेनेवाले लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस किसी सदन के सदस्य नहीं है। देर से पहुंचने के कारण भाजपा के मंगल पांडेय को बाद में शपथ दिलाई गई। कैबिनेट के इस पहले विस्तार में राजग के घटक दल जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा दोनों को जगह नहीं मिली है। चार साल बाद बनी राजग सरकार के कैबिनेट में जदयू के 14 मंत्रियों में केवल दो नये चेहरे हैं, बाकी सभी पुराने मंत्रियों को ही परिषद में जगह मिली है
जदयू के रमेश ऋषिदेव और दिनेश सिंह यादव दोनों नये चेहरे शरद के करीबी बताये जाते हैं। ऐसे में इन्हें कैबिनेट में शामिल करना शरद के स्वर को साधने का प्रयास माना जा रहा है। भाजपा की ओर से युवाओं को प्राथमिका दी गयी है। विनोद सिंह और सुरेश शर्मा जैसे नामों को परिषद में शामिल किया गया है।
भाजपा के मंत्रियों की सूची में संघ और सुशील मोदी का प्रभाव दिखता है। कहा जा रहा है कि आलाकमान उन्हें कैबिनेट चुनने के लिए खुली छूट दे रखी थी। मंत्रियों की सूची जारी होते ही राजग के घटक दलों में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान अपने भाई को कैबिनेट में शामिल कराने में सफल रहे ही, कहा जा रहा है कि उन्होंने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद भेजने पर भी नीतीश से सहमति ले ली है।
कुशवाहा और मांझी ने साधा लालू से संपर्क
बताया जा रहा है कि रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी दोनों लालू के संपर्क में है। रालोसपा ने तो पटना में बैनर तक लगा दिया है कि अगला मुख्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा होंगे। दरअसल पारस के मंत्री बनने पर हम में नाराजगी बढ़ गयी है। हम ने साफ शब्दों में कहा है कि लोजपा की तरह ही हम कोटे से भी गैर विधायक को भी मंत्री बनाया जाए। लेकिन नीतीश कुमार इस बात पर सहमत नहीं हुए।
राजग के एक अन्य घटक दल रालोसपा का हाथ भी कुछ नहीं आया। उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी की ओर से हरलाखी के विधायक सुधांशु शेखर का नाम मंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था, लेकिन नीतीश कुमार ने कुशवाहा की पसंद को ठुकरा दिया। शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सुधांशु ने कहा कि नीतीश और कुशवाहा के बीच जारी मनमुटाव का वो शिकार बने। कहा जा रहा है कि नीतीश रालोसपा के ललन पासवान को कैबिनेट में लाने की बात कर रहे थे जो कुशवाहा से आजकल नाराज चल रहे हैं।
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