सनाउल हक चंचल/पटना
नवादा जिले के नरहट प्रखंड में शनिवार को ठनका गिरने से घायल युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने तोड़फोड़ कर पीएचसी फूंक दी। इस घटना में करीब 50 लाख से अधिक के उपकरण जलकर राख हो गए। गांव वाले अस्पताल में डॉक्टर की मौजूदगी नहीं रहने से नाराज थे। सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी गांव वालों ने रोक दिया। इस बीच उग्र लोगों ने शव को अस्पताल के सामने रखकर हिसुआ खनवां पथ को जाम कर दिया। आनन-फानन में पहुंचे आला अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके बाद वे शांत हुए।
नरहट के मुहल्ला कोयरी टोला बघा निवासी बह्मदेव माहतो का नाती परमजीत घर के समीप बैठा था। इसी दौरान ठनका गिरने से वह गंभीर रूप जख्मी हो गया। आनन-फानन में ग्रामीण उसे समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। ग्रामीणों का आरोप है कि आउटडोर में कोई डॉक्टर नहीं था। सिर्फ डेंटल सर्जन राशिद मलिक ही वहां मौजूद थे। इलाज में देरी होने के कारण परमजीत की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगे। इससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गयी। सभी कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गए।
इसके बाद बौखलाए ग्रामीणों ने सीएचसी के मुख्य वार्ड, कार्यालय, डायगनोस्टिक सेन्टर, दवा भंडारन कक्ष समेत अन्य कक्ष को आग लगा दी। देखते ही देखते पूरे अस्पताल में आग लग गई। पूरा सामान धू-धू कर जलने लगा। इस बीच सूचना पर दमकल कर्मियों की टीम नरहट पहुंची। उग्र ग्रामीण अस्पताल पहुंचने के पहले ही अग्निशामक वाहन को रोक दिया। आग बुझाने में देरी होने के कारण आग की लपटों ने पूरे अस्पताल को पकड़ लिया। एक्सरे मशीन सहित कई उपकरण, कागजात एवं सामान जलने लगे। किसी तरह वहां पहुंचे दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में करीब 50 लाख का नुकसान हुआ है।
घटना की सूचना पर रजौली एसडीओ शम्भूशरण पाण्डेय, सदर एसडीपीओ अशोक कुमार दास, बीडीओ अशोक कुमार सिंह व थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रसाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों को मुआवजे देने की घोषणा कर लोगों को शांत कराया। इसके बाद युवक की लाश को पोस्टमोर्टम के लिए उठाने दिया गया। इस मामले में चिकित्सा प्रभारी डॉ. सत्येन्द्र कुमार ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाकर अज्ञात लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने कहा कि यह घटना दुखद है। डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप गलत है। जिस समय घायल को सीएचसी लाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी। इस बात की पुष्टि ड्यूटी पर मौजूद डॉ. राशिद मलिक ने की थी।
प्रभारी चिकित्सक भी पास में पोलियो कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे। पूरी घटना सुनियोजित प्रतीत होती है। इसकी जांच कराई जाएगी। अस्पताल में मिनी अग्निशामक भी हो गया फेल नरहट। अस्पताल में आग बुझाने के लिए हिसुआ थाने से पहुंची मिनी अग्निशामक वाहन खराबी के कारण आग बुझाने में फेल हो गया। लिहाजा, आग बुझाने में काफी देर हो गयी। प्रशासन ने जब नवादा अग्निशामक वाहन मंगवाया तो आग बुझाने का काम शुरू हो सका। तब तक पूरे अस्पताल में आग फैल गयी थी। आग बुझाने में देर से अग्निशामक की व्यवस्था का पोल खुल गई।
नवादा जिले के नरहट प्रखंड में शनिवार को ठनका गिरने से घायल युवक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने तोड़फोड़ कर पीएचसी फूंक दी। इस घटना में करीब 50 लाख से अधिक के उपकरण जलकर राख हो गए। गांव वाले अस्पताल में डॉक्टर की मौजूदगी नहीं रहने से नाराज थे। सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी गांव वालों ने रोक दिया। इस बीच उग्र लोगों ने शव को अस्पताल के सामने रखकर हिसुआ खनवां पथ को जाम कर दिया। आनन-फानन में पहुंचे आला अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके बाद वे शांत हुए।
नरहट के मुहल्ला कोयरी टोला बघा निवासी बह्मदेव माहतो का नाती परमजीत घर के समीप बैठा था। इसी दौरान ठनका गिरने से वह गंभीर रूप जख्मी हो गया। आनन-फानन में ग्रामीण उसे समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए। ग्रामीणों का आरोप है कि आउटडोर में कोई डॉक्टर नहीं था। सिर्फ डेंटल सर्जन राशिद मलिक ही वहां मौजूद थे। इलाज में देरी होने के कारण परमजीत की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगे। इससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गयी। सभी कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गए।
इसके बाद बौखलाए ग्रामीणों ने सीएचसी के मुख्य वार्ड, कार्यालय, डायगनोस्टिक सेन्टर, दवा भंडारन कक्ष समेत अन्य कक्ष को आग लगा दी। देखते ही देखते पूरे अस्पताल में आग लग गई। पूरा सामान धू-धू कर जलने लगा। इस बीच सूचना पर दमकल कर्मियों की टीम नरहट पहुंची। उग्र ग्रामीण अस्पताल पहुंचने के पहले ही अग्निशामक वाहन को रोक दिया। आग बुझाने में देरी होने के कारण आग की लपटों ने पूरे अस्पताल को पकड़ लिया। एक्सरे मशीन सहित कई उपकरण, कागजात एवं सामान जलने लगे। किसी तरह वहां पहुंचे दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में करीब 50 लाख का नुकसान हुआ है।
घटना की सूचना पर रजौली एसडीओ शम्भूशरण पाण्डेय, सदर एसडीपीओ अशोक कुमार दास, बीडीओ अशोक कुमार सिंह व थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रसाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों को मुआवजे देने की घोषणा कर लोगों को शांत कराया। इसके बाद युवक की लाश को पोस्टमोर्टम के लिए उठाने दिया गया। इस मामले में चिकित्सा प्रभारी डॉ. सत्येन्द्र कुमार ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाकर अज्ञात लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने कहा कि यह घटना दुखद है। डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप गलत है। जिस समय घायल को सीएचसी लाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी। इस बात की पुष्टि ड्यूटी पर मौजूद डॉ. राशिद मलिक ने की थी।
प्रभारी चिकित्सक भी पास में पोलियो कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे। पूरी घटना सुनियोजित प्रतीत होती है। इसकी जांच कराई जाएगी। अस्पताल में मिनी अग्निशामक भी हो गया फेल नरहट। अस्पताल में आग बुझाने के लिए हिसुआ थाने से पहुंची मिनी अग्निशामक वाहन खराबी के कारण आग बुझाने में फेल हो गया। लिहाजा, आग बुझाने में काफी देर हो गयी। प्रशासन ने जब नवादा अग्निशामक वाहन मंगवाया तो आग बुझाने का काम शुरू हो सका। तब तक पूरे अस्पताल में आग फैल गयी थी। आग बुझाने में देर से अग्निशामक की व्यवस्था का पोल खुल गई।
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