जमुई से संजीत कुमार बर्णवाल
पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विकास में राजनीति करने वाले जमुई के निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण अपनी जिम्मेदारी भूल गये हैं. वह विकास के लिए राजनीति तो करें! गौरतलब है कि श्रावण मास शुरू होने वाला है और जमुई से देवघर को जोड़ने वाला सभी प्रमुख मार्ग आवागमन बाधित है. किसी को इसकी फिक्र नहीं है. जमुई से देवघर या, यूं बिहार से झारखंड को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ 333ए जमुई-गिद्धौर के बीच रतनपुर गांव साव टोला के पास स्थित पुलिया के निकट सड़क धंस कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त है. वहीं एक वैकल्पिक रास्ता खैरा-सोनो पथ है, उस पर भी नरियाना पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है. पूर्व विधायक सुमित कहते है कि उनके अग्रज एवं दिवंगत विधायक अभय भैया के अथक प्रयास से नरियाना और मांगो-बन्दर पुल बना था. नरियाना पुल रख-रखाव में अक्षम्य लापरवाही के कारण जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. बड़े वाहनों का परिचालन बंद है. बैरियर लगा दिया गया है. इसके कारण कई दुर्घटनाएं भी हुई है. अर्थात, देवघर को बिहार से जोड़ने वाला दोनों प्रमुख वैकल्पिक पथ पर आवागमन बाधित है. सुचारू यातायात परिचालन वर्तमान परिस्थिति में असंभव है. सावन मास शुरू होने वाला है. श्रावणी मेला में लाखों-लाख भगवान शिव के भक्तगण देवघर जलार्पण को जायेंगे. ऐसे में न सिर्फ भारी परेशानी होगी, बल्कि, बड़ी दुर्घटना की संभावना से भी इंकार नहीं कर सकते हैं
सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों विशेषकर मंत्री और सांसद को मानो इससे कोई सरोकार नहीं है. विकास में भी क्षुद्र राजनीति कर रहे हैं, नरियाना पुल दिवंगत विधायक अभय सिंह जी के जी-तोड़ कोशिश से बना था इसलिए यह दोनों प्रमुख प्रतिनिधि इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. जैसे यह उनकी जिम्मेदारी ही न हो. मांगो बंदर प्रखंड  प्रस्तावित है, बिना नरियाना पुल के वहां जाना दूभर हो जाएगा. नरियाना पुल जर्जर होने के कारण पूरे जमुई शहर में अव्यवस्था की स्थिति बन जाती है. जमुई आंबेडकर चौक से महिसौड़ी गांव तक नो एंट्री खत्म होने के बाद लोगों का घर से निकलना मुहाल हो जाता है. आखिर कब जागेंगे ये जनप्रतिनिधि? सुमित कहते है कि उन सबके लिए उनका एक ही संदेश है विकास में राजनीति नहीं कीजिये, विकास के लिए राजनीति कीजिये. वह इस संबंध में संबंधित प्राधिकार राष्ट्रीय उच्च पथ प्राधिकार और बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के सक्षम पदाधिकारियों से निरंतर संपर्क में हैं, इसका समुचित समाधान निकाले जाने तक प्रयत्न जारी रहेगा।
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