देहरादून। जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सूबे के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फरवरी 2010 के ढैंचा घोटाले से काली कमाई अर्जित कर अपनी पत्नी सुनीता के नाम तीन भू-खण्ड (833 वर्गमी) 08.09.2010 में खरीदे तथा दो भू-खण्ड 0.227है0 (लगभग 3 बीघा) के 27.07.2012 व 30.11.2012 में खरीदे।
यहां आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सीएम श्री रावत द्वारा 3 अक्टूबर 2010 को एक भू-खण्ड 0.329 है0 (लगभग सवा चार बीघा) स्वयं के नाम पर खरीदा। हैरान करने वाली बात यह है कि उक्त सभी भू-खण्ड मात्र 28 लाख में खरीदे गये हैं, जबकि उक्त भूमि की वास्तविक कीमत करोड़ों रूपये में है। श्री रावत द्वारा ढैंचा घोटाले की सारी काली कमाई उक्त भू-खण्ड को खरीदने में खपा दी। नेगी ने कहा कि चैंकाने वाली बात यह है कि श्री रावत मात्र एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जैसा इन्होंने अपने नामांकन पत्र में दर्शाया है कि इनकी आय का कोई जरिया नहीं है, मात्र 10-20 हजार रूपये विधायकी की पेंशन के मिलते हैं तथा पत्नी शिक्षिका है, ऐसे में इतने पैसे में मात्र परिवार का खर्च ही मुश्किल से चलता है। इस दौरान आज तक इनके द्वारा लगभग पाॅंच बार विधानसभा चुनाव भी लड़ा जा चुका है, जिस पर आज तक करोड़ों रूपया खर्च कर चुके हैं। नेगी ने कहा कि वर्ष 2007 में इनकी जमा पूॅंजी लगभग 3.12 लाख थी जो कि वर्ष 2012 में बढ़कर लगभग 30.00 लाख हो गयी तथा इसी दौरान करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि भी खरीदी गयी। जनसंघर्ष मोर्चा ने उक्त काली कमाई/घोटाले को लेकर पत्र/ज्ञापन भारत सरकार को प्रेषित किये हैं तथा भारत निर्वाचन आयोग ने उक्त फर्जीवाड़े/घोटाले के मामले में आयकर विभाग से जाॅंच कराने की बात कही है।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, मौ0 असद, बागेश पुरोहित, ओ0पी0 राणा आदि उपस्थि रहे।
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