नई दिल्ली: भारत और इटली ने आज यहां स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा और इटली की स्‍वास्‍थ मंत्री सुश्री बिट्रिस लोरेंजिन ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों और इटली के उच्‍च स्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में एमओयू पर हस्‍ताक्षर किये। 
श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत और समृद्ध पारम्‍परिक संबंध हैं, जो उच्‍च स्‍तरीय यात्राओं से और सुदृढ़ हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में संबंध बढ़ाने में दोनों देशों के आपसी हित हैं। श्री नड्डा ने कहा कि एमओयू के तहत दोनों देशों के बीच व्‍यापक तरीके से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में आदान-प्रदान की संभावनाएं तलाशने और क्षमताओं का दोहन करने की आवश्‍यकताओं तथा अवसरों की पहचान की जाएगी।

इस एमओयू का उद्देश्‍य दोनों देशों के बीच स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में व्‍यापक अंतर-मंत्रिमंडलीय और अंतर-संस्‍थागत सहयोग स्‍थापित करना है। सहयोग के मुख्‍य क्षेत्रों में शामिल हैं :-

  • चिकित्सकों, अधिकारियों, अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण;
  • मानव संसाधन का विकास और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना में सहायता;
  • स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में मानव संसाधनों का अल्पकालिक प्रशिक्षण;
  • फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों का विनियमन और इसके बारे में जानकारी का आदान प्रदान;
  • फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में व्‍यापार बढ़ाने के अवसरों को प्रोत्‍साहन देना;
  • जेनेरिक और आवश्यक दवाओं की खरीद और दवाई आपूर्ति में सहायता;
  • स्वास्थ्य उपकरण और फर्मास्‍युटिकल उत्‍पादों की खरीद;
  • एसडीजी 3 और संबंधित कारकों पर जोर देने के साथ आपसी हित के न्यूरोकार्डियोवास्कुलर रोग, कैंसर, सीओपीडी, मानसिक स्वास्थ्य और डिमेंशिया जैसे एनसीडी की रोकथाम में सहयोग;
  • संचारी रोगों और वेक्टर जनित बीमारियों पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग;
  • एसडीजी 2 और पौष्टिक सेवाओं के संगठन के संदर्भ में कुपोषण (अति-पोषण और अल्‍प-पोषण) सहित भोजन सेवन के पोषण संबंधी पहलू;
  • उत्पादन, परिवर्तन, वितरण और खाद्य वितरण की सुरक्षा;
  • खाद्य उद्योग ऑपरेटरों के अनुसंधान और प्रशिक्षण;
  • स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा तथा अच्‍छे खान-पान की आदतों पर नागरिकों को जानकारी और सूचना देना; तथा
  • आपसी सहमति पर निर्णय लिये गये सहयोग के अन्य क्षेत्र।
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