देहरादूनमसूरी विधायक गणेश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने  ने मसूरी क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर राज्य के मुख्य सचिव, उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की।  
मुख्य सचिव के समक्ष मसूरी की समस्याओं पर चर्चा करते मसूरी विधायक
इस पर मुख्य सचिव द्वारा मसूरी क्षेत्र में चिकित्सालय का निर्माण किए जाने, मसूरी तक पहुंचने वाली सड़क के चौड़ीकरण तथा भट्टाफॉल के पास ठोस अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था किए जाने, मसूरी को तहसील का दर्जा दिए जाने, पुरकुलगांव-हाथीपांव रोपवे, कोल्टी पेयजल योजना, सीवर लाईन तथा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तथा मसूरी में राज्य स्तरीय अतिथि गृह निर्माण करवाने इत्यादि योजनाओं हेतु वित्तीय स्वीकृतियों तथा देयकों के निपटान हेतु सचिव वित्त, अमित नेगी से दूरभाष पर बात कर मामले के शीघ्र निपटान हेतु कहा।   
 
मसूरी विधायक ने कहा कि मेरे द्वारा क्षेत्र की निम्नलिखित समस्याओं के प्रति सदन के माध्यम से भी कई बार शासन का ध्यान आकृष्ठ कराया जा चुका है। 
 
02 सितम्बर को मुख्यमंत्री द्वारा मसूरी अस्पताल का निर्माण तीन माह में पूर्ण कर लिए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। इसी प्रकार बाहर से आने वाली पर्यटक बसें अथवा वाल्बो बसों को मसूरी तक पहुंचने हेतु रोड़ चौड़ीकरण का कार्य लंम्बित पड़ा हुआ है। एन0जी0टी0 के नियमों के कारण मसूरी के होटलियरस् का उत्पीड़न हो रहा है। यदि भट्टाफॉल के पास ठोस अपशिष्ट निपटान प्लांट निर्मित कर लिया जाए तो इस समस्या का समाधान हो सकता है।   
 
वर्ष 2016 में समीक्षा बैठकों के दौरान मुझे आश्वस्त किया गया था कि जल्द ही मसूरी की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए उपजिलाधिकारी की स्थाई नियुक्ति की जाऐगी। पूर्व गढ़वाल आयुक्त द्वारा भी मसूरी में तहसील खोलने एवं उप जिलाधिकारी की नियुक्ति हेतु आमजन को आश्वस्त किया गया था। वर्तमान में मसूरी की जिम्मेदारी नायब तहसीलदार को दी है, एसडीएम की निुयक्ति की गई है किन्तु देहरादून शहर एवं एमडीडीए के अतिरिक्त प्रभार के साथ। मसूरीवासियों की मांग है कि अतिशीघ्र तहसील का दर्जा दिया जाए जिससे आमजन को राजस्व सम्बन्धित कार्यो के लिए देहरादून के चक्कर ना काटने पड़े।
 
पुरकुलगांव-हाथीपांव रोपवे निर्माण का कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हो सका जबकि विभाग द्वारा कई बार निविदाऐं आमंत्रित की जा चुकी हैं। पर्यटन मानचित्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान रखने वाली पहाड़ों की रानी मसूरी हेतु रोपवे की यह योजना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। पर्यटन सीजन के दौरान एकमात्र सम्पर्क मार्ग (सड़क) होने के कारण पर्यटकों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ता है जिससे राज्य के पर्यटन एवं आर्थिकी दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
 
मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत कोल्टी पेयजल योजना के तीनों स्टेज में पम्पिंग प्लांट बदलने तथा राइजिंग मेन डालने का कार्य एवं गंगोल पंडितवाड़ी योजना के निर्माण की घोषणा मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा जून 2017 में की गई थी, जो कि अभी तक नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त, मसूरी शहर मसूरी सोर्स ऑग्युमेन्टेशन पेयजल योजना पर विभाग द्वारा 133 करोड़ की डीपीआर तैयार की गयी है जो पेयजल विभाग के स्तर पर लम्बित है। मसूरी जैसे पर्यटक शहर में उपरोक्त वर्णित पेयजल योजनाओं के पूर्ण ना होने के कारण आपूर्ति अत्यधिक बाधित रहती है। 
 
मसूरी शहर की विशेष भौगोलिक परिस्थिति तथा बसासत को देखते हुए मसूरी हेतु विकेन्द्रीयकृत सीवर लाईन तथा ट्रीटमेंट प्लांट योजना प्रारम्भ की गई थी। जिसके तहत प्रस्तावित कुल 76 किमी लम्बी सीवर लाईन तथा 12 छोटे एस0टी0पी0 के सापेक्ष अब तक कुल 64 किमी की सीवर लाईन तथा 5 एस0टी0पी0 निर्मित किये जा चुके है। इसके अतिरिक्त, 6 अन्य स्थानों पर एस0टी0पी0 निर्माण तथा 12 किमी की सीवर लाईन डाले जाने का कार्य किया जाना शेष है। चॅूकि 64 किमी0 लम्बी सीवर लाईनों का संयेाजन निर्मित किये जा चुके 5 एस0टी0पी0 से नहीं किया गया है इसलिए यह व्यवस्था पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रही है और जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अवशेष 12 किमी लम्बी सीवर लाईन एवं 6 नये एस0टी0पी0 निर्माण के कार्य हेतु धनावंटन किया जाना शासन स्तर पर लम्बित है जिसे यथाशीघ्र किये जाना आवश्यक है। हांलाकि इस हेतु जर्मन सहयोग बैंक के0एफ0डब्लू0 से 59 करोड़ का सहयोग दिया जाना प्रस्तावित हुआ है।
 
मसूरी में आये दिन प्रदेश तथा देश के अति विशिष्ट अतिथियों का आवागमन लगा रहता है। परन्तु मसूरी में राज्य स्तरीय अतिथि गृह नहीं है। जिसके लिए वर्ष 2008 में शासन द्वारा कार्यवाही की गई थी किन्तु उसके बाद इस विषय में कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि जिलाधिकारी के स्तर पर भूमि का चयन भी किया जा चुका था। मेरे द्वारा सदन में नियम 300 के अर्न्तगत मांगी गयी सूचना में मा0 पर्यटन मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया है कि राज्य स्तरीय अतिथि गृह का निर्माण राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा कराया जाना अपेक्षित है और उनके द्वारा विभाग को पत्र प्रेषित भी किया जा चुका है। जिस पर मुख्य सचिव ने सभी समस्याओं के शीघ्र निपटान का आश्वासन दिया। इस अवसर पर दीपक पुण्डीर, हरीश पोखरियाल, मंजीत रावत भी उपस्थित रहे।
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