नई दिल्ली: उत्तर कोरिया की कंपनियों को जनवरी तक अपना बोरिया बिस्तरा समेटने के आदेश दिए हैं, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने आज कहा कि चीनी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में चल रही कंपनियों सहित उत्तर कोरिया की कंपनियों के पास संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव 11 सितम्बर को पारित होने के दिन से 120 दिनों का वक्त है।
चीन द्वारा प्रतिबंधों को लागू करने की पुष्टि करने के बाद यह घोषणा की गई है। इसमें उत्तर कोरिया को रिफाईन पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात को सीमित करना और पड़ोसी देश से कपड़ा आयात एक अक्तूबर से बंद करना शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को चीन द्वारा लागू किया जाना उत्तर कोरिया के लिए नुकसानदेह है। बीजिंग प्योंगयांग का मुख्य सहयोगी और व्यापारिक साझीदार है और उत्तर कोरिया अपना 90 फीसदी व्यापार चीन के साथ करता है। ऐसे में चीन के इस फैसले को उत्तर कोरिया के लिए एक बड़े छटके के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, अमेरिका चीन पर दबाव बनाता रहा है कि वह अपनी आर्थिक मजबूती का इस्तेमाल कर उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षा पर लगाम कसे।
मालूम हो कि हो चीन यह फैसला ऐसे समय लिया है जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग काफी तेज हो गई है। बात तो यहां तक पहुंच गई है कि कथित तौर पर युध्द तक की धमकियां आने लगी हैं। अभी पिछले दिनों ही वाइट हाउस ने प्योंगयांग पर अमेरिका की ओर से युद्ध की घोषणा करने संबंधी किए गए दावों को खारिज करते हुए कहा था कि इस संबंध में कोई भी बात ‘बेतुकी’ है। वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं, हमने उत्तर कोरिया पर युद्ध की घोषणा नहीं की है, और सच कहूं तो इससे संबंधित बात बेतुकी है।’’
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