शरदुल ठाकुर को एक साल से ज़्यादा समय पहले भारतीय टीम में चुन लिया गया था लेकिन उन्हें अभी तक पहले मैच में खेलने का इंतज़ार है और मुंबई के इस तेज़ गेंदबाज़ ने कहा कि वह संयम बरतकर इस दौरान खुद को इस मौके के लिए तैयार करते रहे हैं.
ठाकुर आज अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कर सकते हैं, जब भारतीय टीम यहां चौथे वनडे के लिए श्रीलंका से भिड़ेगी. कप्तान विराट कोहली ने खिलाड़ियों के रोटेशन का वादा किया था और अगर भारत भुवनेश्वर कुमार या जसप्रीत बुमराह को आराम देने का फैसला करता है तो ठाकुर को फायदा मिल सकता है.
ठाकुर ने कहा, "पिछले कुछ सालों से मैं काफी कड़ी मेहनत कर रहा हूं. जब भी मुझे मौका मिले, मुझे तैयार होना चाहिए. यह ध्यान में रखते हुए मैं हमेशा अपनी तैयारी करता हूं. भले वे मुझे खिलायें या नहीं, यह प्रबंधन का फैसला है. लेकिन आप व्यक्तिगत रूप से मुझसे पूछोगे तो जब भी मुझे मौका मिले तो मुझे मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए और मुझे इसी के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए." ठाकुर 2016 से अनिल कुंबले कोचिंग के दौरान से भारतीय दल का हिस्सा हैं, जब उन्होंने वेस्टइंडीज़ का दौरा किया था. वह तब से मौका मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिला.
अब वह अपने गेंदबाज़ी कोच भरत अरूण के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं एनसीए में अंडर-19 शिविर के दौरान उनसे मिला था. यह एक तकनीकी कैम्प था, जिसमें खिलाड़ी प्रदर्शन करते और अपनी तकनीक पर काम करके बेहतर होते. यह मेरा उनके साथ भारतीय टीम में पहला मौका था और अभी तक यह अच्छा रहा है. अब मैं उनके साथ मैच संबंधित चर्चायें ज्यादा करता हूं."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब भी आप एक स्तर ऊपर बढ़ते -घरेलू से आप आईपीएल खेलते हो और आईपीएल से आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए चुने जाते हो- तो आपके पास कौशल हमेशा होता है. लेकिन आपको मानसिक रूप से ज़्यादा तैयार होना होता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव अलग होता है और घरेलू क्रिकेट का दबाव अलग होता है." उन्हें कई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी टीम में शामिल किया गया लेकिन बाद में घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए भेज दिया गया. इसके बाद वह राइज़िंग पुणे सुपरजाएंट के लिए आईपीएल में खेले.
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